“दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे का ट्रायल रन शुरू — 210 किमी हाईवे पर वाहनों की आवाजाही, दिल्ली से देहरादून तक सफर अब मात्र ढाई घंटे में”
नई दिल्ली / उत्तर प्रदेश / उत्तराखंड, 1 दिसंबर 2025/ लंबे समय से निर्माणाधीन Delhi–Saharanpur–Dehradun Expressway (210 किमी) के ट्रायल रन की शुरुआत रविवार रात 12 बजे हो गई है। दिल्ली-सहारनपुर-देहरादून को जोड़ने वाले इस छह-लेन एक्सप्रेसवे की बैरिकेडिंग हटा दी गई, और वाहनों ने नए मार्ग पर पहली बार आवाजाही शुरू कर दी।
यात्रा अब होगी तेज — समय हुआ आधा
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एक्सप्रेसवे खुलने के साथ ही नयी सड़क पर यात्रा के दौरान अब समय लगभग ढाई घंटे तक सीमित हो गया है। इससे पहले दिल्ली से देहरादून पहुंचने में लगभग चार से छह घंटे लग जाते थे।
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परियोजना की कुल लंबाई 210 किमी है और यह छह-लेन एक्सप्रेसवे है, जिसे बाद में आठ लेन तक विस्तारित किया जा सकेगा।
परियोजना — खर्च, लाभ और महत्व
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इस मार्ग के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग ₹13,000 करोड़ रही है।
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एक्सप्रेसवे न सिर्फ यात्रा समय घटाएगा, बल्कि दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच संपर्क और कनेक्टिविटी को भी मज़बूत करेगा। विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों — देहरादून, मसूरी, हरिद्वार आदि — पहुंच पहले से कहीं आसान हो जाएगी।
पर्यटक और आम यात्रियों को मिलेगा फायदा
इस नई सड़क के खुलने से न सिर्फ रोजमर्रा की यात्राएँ सुगम होंगी — बल्कि उत्तराखंड आने-जाने वाले पर्यटकों के लिए यह विकास “खेल / पर्यटन / हिल-डेस्टिनेशन” तक आसान पहुँच का मार्ग बना देगा। देहरादून, मसूरी, हरिद्वार जैसे हिल स्टेशन और तीर्थ स्थलों की दूरी अब कम महसूस होगी — जिससे पर्यटन में वृद्धि की सम्भावना है।
आगे क्या — ट्रायल के बाद औपचारिक उद्घाटन
वर्तमान में यह ट्रायल रन की पहली पखवाड़ा है। संबंधित अधिकारियों ने कहा है कि ट्रायल सफल रहने व सभी सुरक्षा व गुणवत्ता मानकों के पूरा होने पर एक्सप्रेसवे को जनता के लिए स्थायी रूप से खोल दिया जाएगा। यह उम्मीद की जा रही है कि इसके पूर्ण संचालन के बाद यात्रा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी।
210 किमी लंबे इस हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे के ट्रायल रन की शुरुआत के साथ ही, दिल्ली और देहरादून के बीच यात्रा अब सिर्फ ढाई घंटे की होगी — एक ऐसी राहत, जिसका इंतजार यात्रियों और पर्यटन उद्योग दोनों को लंबे समय से था। यह परियोजना न सिर्फ यात्रा के समय को घटाएगी, बल्कि पश्चिम से उत्तराखंड तथा दिल्ली-एनसीआर के बीच कनेक्टिविटी — व संभावनाओं — को भी नया आयाम देगी।
