देहरादून में डेंगू की दस्तक, शिक्षक में मिला संक्रमण, इन बातों का रखें ख्याल

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राजधानी देहरादून में डेंगू ने दस्तक दी है, इंदिरा नगर स्थित एक निजी स्कूल के 51 वर्षीय शिक्षक में डेंगू संक्रमण की पुष्टि हुई है। फिलहाल, शिक्षक की हालत सामान्य बताई जा रही है और शिक्षक स्कूल परिसर में ही उपचार ले रहे हैं।कोरोना के फिर से बढ़ते मामले और ऐसे में डेंगू की दस्तक स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बनने लगी हैं।

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कुछ दिनों पहले इंदिरानगर स्थित डे-बोर्डिंग एशियन स्कूल के 51 वर्षीय शिक्षक को बुखार आया था। डॉक्टर की सलाह पर एक निजी लैब से उन्होंने डेंगू की एलाइजा जांच करवाई तो जांच में डेंगू की पुष्टि हुई। जिसके बाद निजी स्कूल प्रबंधन ने शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग को इसकी सूचना दी। स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम और आशा वर्कर की टीम ने स्कूल व आसपास के क्षेत्रों का निरीक्षण और  लार्वा नाशक रसायनों का छिड़काव  किया। स्कूल में किसी और शिक्षक स्टाफ या छात्र में बुखार की शिकायत नहीं मिली है।
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बता दें कि डेंगू एक तरह का वायरस है, जो एडीस नाम के मादा मच्छर के काटने से शरीर में फैलता है।  डेंगू और मलेरिया दोनों मादा मच्छर के काटने से होते है। यदि किसी व्यक्ति को डेंगू हो जाए तो उसे तेज बुखार आने के साथ ही उल्टी, शरीर में दर्द और जकड़न की शिकायत होती है। इसके साथ ही डेंगू के शिकार व्यक्ति के खून में मौजूद प्लेटलेट्स भी तेजी से कम होने लगते हैं।

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मानसून की शुरुआत होते ही जल जनित बीमारियों के फैलने की आशंका बढ़ जाती है, राजधानी देहरादून में डेंगू का केस सामने आ गया है। जहाँ कोरोना के मामंलों फिर से बढ़ते जा रहे हैं, ऐसे में डेंगू की दस्तक स्वास्थ्य विभाग के लिए चिंता का विषय बनने लगी है। स्वास्थ्य विभाग की टीम एंटी लार्वा अभियान के साथ ही प्रचार-प्रसार के माध्यम से इन बीमारियों का प्रभाव कम करने व बचाव के लिए लोगों को जागरूक कर रही है।

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डेंगू व मलेरिया से बचाव के लिए स्वच्छता सबसे बेहतर उपाय है-

-गड्ढों को मिट्टी से ढक दें।

-नीम के पत्ते जलाकर धुआं करें।

-मच्छरदानी का प्रयोग करें।

-तेल में कपूर मिलाकर दीया जलाएं।

-कूलर का पानी रोज बदलें व उसे रगड़कर साफ करें।

-छत व घर में किसी पात्र में बारिश का पानी न एकत्र होने दें।


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