दिल्ली चुनाव में धामी का जलवा, 78% सीटों पर बीजेपी को दिलाई जीत

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नई दिल्ली/ उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के स्टार प्रचारक की भूमिका निभाते हुए शानदार प्रदर्शन किया। उनके नेतृत्व और आक्रामक प्रचार शैली का असर ऐसा रहा कि जिन 23 सीटों पर उन्होंने प्रचार किया, उनमें से 18 पर भाजपा को जीत मिली। इस तरह सीएम धामी के प्रचार वाली सीटों पर पार्टी को 78% सफलता मिली, जिससे उनका राष्ट्रीय राजनीति में कद और मजबूत हुआ।

(SOURCE COURTESY – DIGITAL MEDIA)

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्यमंत्री धामी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक नियुक्त किया था। पूरे चुनाव अभियान के दौरान उन्होंने 52 चुनावी सभाएं और रोड शो किए। उन्होंने उत्तराखंड की डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए दिल्ली के मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में वोट देने के लिए प्रेरित किया।

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केजरीवाल पर तीखा हमला, विकास पर जोर—

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के भरोसे पर खरा उतरते हुए दिल्ली में भाजपा के अभियान को मजबूती दी। खासकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए उन्होंने केजरीवाल सरकार की विफलताओं को उजागर किया। इसका सबसे बड़ा उदाहरण नई दिल्ली सीट है, जहां भाजपा प्रत्याशी प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पराजित किया।

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धामी के प्रचार से लाभान्वित हुईं ये सीटें—

मुख्यमंत्री धामी ने जिन उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया, उनमें से 18 ने जीत दर्ज की। इनमें शामिल हैं:

  • कस्तूरबा नगर – नीरज बसोया
  • मोती नगर – हरीश खुराना
  • शालीमार बाग – रेखा गुप्ता
  • आरके पुरम – अनिल शर्मा
  • ग्रेटर कैलाश – शिखा राय
  • पटपड़गंज – रविंद्र सिंह नेगी
  • करावल नगर – कपिल मिश्रा
  • रिठाला – कुलवंत राणा
  • द्वारका – प्रद्युम्न राजपूत
  • नजफगढ़ – नीलम पहलवान
  • मटियाला – संदीप सहरावत
  • लक्ष्मी नगर – अभय वर्मा
  • संगम विहार – चंदन कुमार चौधरी
  • उत्तम नगर – पवन शर्मा
  • पालम – कुलदीप सोलंकी
  • वजीरपुर – पूनम शर्मा
  • बवाना – रविंद्र इंद्राज सिंह
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समान नागरिक संहिता (UCC) का मुद्दा बना धामी की पहचान—

मुख्यमंत्री धामी ने दिल्ली के मतदाताओं के सामने समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करने की बात भी जोर-शोर से रखी। इससे वह राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़े चेहरे के रूप में उभरे हैं। उत्तराखंड में UCC लागू करने की उनकी प्रतिबद्धता ने पूरे देश में भाजपा की विचारधारा को मजबूती दी।

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राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता कद—

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के रूप में धामी ने कई सख्त और ऐतिहासिक फैसले लिए हैं, जिससे वे सिर्फ राज्य ही नहीं, बल्कि पूरे देश में चर्चित हो गए हैं। धर्मांतरण विरोधी कानून, नकलरोधी कानून, दंगारोधी कानून और सरकारी भूमि को अतिक्रमण मुक्त कराने जैसे उनके फैसलों की सराहना हर जगह हो रही है। दिल्ली चुनाव में उनके प्रभावी प्रचार अभियान के बाद अब यह चर्चा तेज हो गई है कि भाजपा उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर और बड़ी जिम्मेदारियों के लिए तैयार कर रही है।

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‘धामी मैजिक’ की चर्चा जोरों पर—

दिल्ली चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और राजनीतिक विश्लेषकों के बीच ‘धामी मैजिक’ की खूब चर्चा हो रही है। उन्होंने दिल्ली चुनाव में भाजपा की सफलता की नींव रखी और यह साबित कर दिया कि वे सिर्फ उत्तराखंड तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनकी रणनीति राष्ट्रीय स्तर पर भी कारगर साबित हो सकती है।

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कुल मिलाकर, दिल्ली चुनाव में पुष्कर सिंह धामी का प्रदर्शन भाजपा के लिए बेहद फायदेमंद साबित हुआ। 23 सीटों में से 18 पर जीत ने न सिर्फ भाजपा के लिए सफलता सुनिश्चित की, बल्कि धामी की नेतृत्व क्षमता और प्रभावशाली प्रचार शैली को भी राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित कर दिया।


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