सतपाल महाराज ,हरक सिंह रावत रमेश पोखरियाल निशंक जैसे धुरंधरों के बावजूद जब मुख्यमंत्री पद के लिए पुष्कर सिंह धामी के नाम की घोषणा की गयी तो हर कोई भौंचक्का रह गया की शायद बीजेपी आलाकमान ने मुख्यमंत्री पद के लिए की जा रही रस्साकस्सी में एक अनुभवहीन नेता का चुनाव कर लिया है और यह प्रदेश की राजनीति के बड़े तुर्रमखां नेताओं को रास नहीं आएगा और इसका खामियाज़ा बीजेपी को चुनाव से पहले ही भुगतना पड सकता है।
खैर भविष्य तो किसी ने नहीं देखा है, मगर मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद ही जिस तरह से बड़े और अनुभवी नेताओं की नाराज़गी सामने आयी और और धामी की उनको मनाने की कार्यकुशलता के बाद ही “पूत के पाँव पालने में” दिखाई दे जाते हैं का मुहावरा फलीभूत होता नज़र आया है। और उसके बाद से मुख्यमंत्री धामी के एक के बाद एक लिए गए धुआंधार फैसलों से धामी राजनीति के एक मझे हुए खिलाडी नजर आए। फिर चाहे वो प्रदेश में मुख्यमंत्री से भी बड़ा रुतबा हासिल किये हुए मुख्य सचिव प्रकाश को हटाना हो या फिर शासन व प्रशासन स्तर पर किए गए बडे बदलाव हों।
युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को राज्य की कमान संभाले 1 महीना पूरा हो गया है। पिछले महीने चार जुलाई को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, अपने एक महीने के कार्यकाल में उन्होंने राज्य हित में कई बड़े फैसले लिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वो काम भी किया, जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी, पूर्व की त्रिवेंद्र और तीरथ सरकार में किसी को भी स्वास्थ्य मंत्री नहीं बनाया गया था। दोनों ही पूर्व मुख्यमंत्रियों ने स्वास्थ्य मंत्रालय अपने पास रखा था, लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपनी कैबिनेट में अलग से स्वास्थ्य मंत्री बनाया।
इस एक माह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री ने युवाओं के लिए कई बड़े फैसले लिए, इसमें सिविल सर्विसेज, एनडीए और सीडीएस की तैयारियों के लिए 50 हजार रुपए की सहायता राशि दिए जाने का फैसला भी शामिल है, अतिथि शिक्षकों का मानदेय बढाया तथा प्रदेश मे 22 हजार पदों को जल्द भरने की भी घोषणा की है।
वात्सल्य योजना को धरातल पर उतारा:- वात्सल्य योजना को धरातल पर उतारा गया है. वात्सल्य योजना के तहत कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दी जाएगी। साथ ही धामी सरकार ने सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं को भर्ती परीक्षा में एक साल की छूट दी। दरअसल, कोरोना काल में कई भर्ती परीक्षाएं रद्द हो गए थी. इसकी वजह से कई युवाओं का नौकरी पाने का सपना टूट गया था, क्योंकि उनकी उम्र ज्यादा हो गई थी. ऐसे युवाओं को धामी सरकार ने बड़ी राहत दी. उन्हें भर्ती परीक्षा के लिए उम्र में एक साल की छूट दी गई।
इंटर्न डॉक्टरों का मानदेय बढ़ाने का फैसला: काफी समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे इंटर्न डॉक्टरों को लेकर भी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने फैसला लिया. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इंटर्न डॉक्टरों का मानदेय 7500 से बढ़ाकर 17 हजार रुपए किया. हालांकि कुछ मुद्दे ऐसे भी हैं, जिन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. इसमें एक मुद्दा तो उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड का है. उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर चारोंधाम के तीर्थ पुरोहित काफी दिनों से मांग कर रहे हैं. धामी सरकार के खिलाफ भी उनका विरोध प्रदर्शन जारी है. लेकिन सरकार ने इस मसले पर अभीतक कोई निर्णय नहीं लिया है। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चारोंधाम के तीर्थ पुरोहितों को आश्वासन दिया है कि वे उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड पर विचार कर संशोधन करेंगे।