बीती रात हुई बारिश ने उत्तराखंड में बहुत भारी नुकसान किया है जगह जगह से जान माल से हुए नुकसान की खबरें लगातार आ रही हैं। जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर रहें हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं। विधायकगण अपने क्षेत्रों में हर स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं। सेना से भी संपर्क में हैं। अगर हेलीकॉप्टर की आवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद ली जाएगी। स्टेट के हेलीकॉप्टर को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है।
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में हुयी बारिश ने जमकर कहर बरपाया। देर रात से देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का दौर जारी है जो कहर बनकर टूट रहा है। मालदेवता क्षेत्र के सरखेत गांव क्षेत्र में बादल फटने की घटना हुई है। बादल फटने के बाद आए भारी मलबे में कई वाहन बह गए। मालदेवता में बादल फटने से सात घर बह गए।
बारिश से टिहरी जिले में भारी नुकसान हुआ है। यहां बादल फटने से कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए और कई घरों में पानी घुस गया है। सबसे ज्यादा नुकसान धनोल्टी विधानसभा में हुआ है। धनोल्टी प्रखंड के कई गांवों में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। जौनपुर ब्लाक के सेरा, सौंदाणी, भवाकाटल, ग्वाली डांडा, कुंड, कोकियाल गांव में बादल फटने व अतिवृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में लगातार हो बारिश से नदियां उफान पर आ गईं हैं। ऋषिकेश और हरिद्वार में गंगा नदी चेतावनी निशान के पार बह रही है। नदी के जलस्तर बढ़ने के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। ऋषिकेश में भारी बारिश से गंगा के जलस्तर ने चेतावनी निशान को पार कर लिया है। बारिश से बरसाती नदी नाले उफान पर हैं। हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान के पार पहुंच गई। सुबह 8.30 बजे गंगा नदी का जलस्तर 294.05 दर्ज किया गया था।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के बारे में आपदा प्रबंधन विभाग से जानकारी ली है। प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड पर है और प्रभावित क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन की टीमें लगातार कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री धामी ने सभी से अनावश्यक यात्रा न करने व नदी एवं बहाव क्षेत्र की ओर अनावश्यक ना जाने का अनुरोध किया है।