चंद्रबनी स्थित एक नशा मुक्ति केंद्र में 24 वर्षीय युवक की मौत का मामला सामने आया है। नशा मुक्ति केंद्र का स्टाफ मृतक के शव को घर के बाहर छोड़कर चला गया। युवक की मौत के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा हो गया। जानकारी के अनुसार, युवक देहरादून का ही रहने वाला था। युवक पिछले माह से आराध्या फाउंडेशन में भर्ती था। मृतक के शव पर पर चोटों के निशान भी हैं। क्लेमेनटाउन पुलिस ने केंद्र के कर्मचारियों से पूछताछ शुरू कर दी है।
ज्ञात मामले के अनुसार टर्नर रोड निवासी देवानंद के बेटे सिद्धू को 22 मार्च को चंद्रबनी स्थित आराध्या फाउंडेशन नाम के केंद्र में भर्ती कराया गया था। युवक के शरीर पर चोटों के निशान दिख रहे हैं। मृतक के हाथ पांव बुरी तरह से तोड़े हुए हैं। मृतक सिद्धार्थ उर्फ सिद्धू की बहन गुंजन बताती हैं कि मंगलवार सुबह करीब 7:00 बजे वह घर पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक एक कार आई और उनके भाई को घर के बाहर फेंक कर चली गई। वह सिद्धार्थ को कमरे के अंदर ले गए जहां उसकी सांस नहीं चल रही थी। सिद्धार्थ के हाथ तोड़े हुए हैं और पीठ व शरीर के निचले हिस्से पर चोटों के निशान हैं। युवक का शव घर के बाद देखने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए और हंगामा किया। इस दौरान स्थानीय लोग भी वहां एकत्रित हो गए। स्वजनों ने मृतक के शव को कमरे में बंद कर हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर सीओ सदर पंकज गैरोला व पुलिस टीम पहुंची। स्वजनों की मांग है कि आरोपियों को यहां पर लाया जाए और डीएम घटना का संज्ञान लेकर नशा मुक्ति केंद्र को बंद करवाएं।