उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले और आसपास के इलाकों में शुक्रवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिससे लोगों में भय का माहौल बन गया। झटके सुबह 7:42, 8:19 और 10:59 पर आए। भूकंप के कारण कई लोग घरों से बाहर निकल आए। जिला प्रशासन ने सतर्कता बरतते हुए सभी तहसीलों से जानकारी जुटाने और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है।
तीन झटकों की तीव्रता और केंद्र—
पहला झटका सुबह 7:41 बजे आया, जिसकी तीव्रता 2.7 मापी गई। इसका केंद्र तिलोथ क्षेत्र के पास था। दूसरा झटका 8:19 बजे 3.5 तीव्रता के साथ आया, जिसका केंद्र तहसील भटवाड़ी के दायरा बुग्याल के वन क्षेत्र में था। तीसरा हल्का झटका 10:59 बजे महसूस किया गया।
वरुणावत पर्वत से गिरा मलबा—

भूकंप के झटकों के दौरान वरुणावत पर्वत के भूस्खलन क्षेत्र से पत्थर और मलबा गिरने लगा। वरुणावत पर्वत पहले भी कई बार भूस्खलन का शिकार रहा है, जिससे इस क्षेत्र के लोग पहले से ही चिंतित रहते हैं।
जान-माल का नुकसान नहीं—
जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने सभी तहसीलों को भूकंप के असर की जानकारी जुटाने के निर्देश दिए। राहत की बात यह है कि अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं है।
1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा—
उत्तरकाशी में आए इन झटकों ने 1991 में आए विनाशकारी भूकंप की कड़वी यादें ताजा कर दीं, जिसमें 6.6 तीव्रता के भूकंप से भारी नुकसान हुआ था।
सतर्कता की अपील—
स्थानीय प्रशासन ने लोगों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और आपदा प्रबंधन के निर्देशों का पालन करने की अपील की है। वहीं, जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है।
क्षेत्र में बढ़ती भूकंप गतिविधि—
जानकारी के अनुसार, उत्तरकाशी में पिछले कुछ वर्षों में छोटे-बड़े भूकंप के झटकों की संख्या 70 से अधिक हो चुकी है। विशेषज्ञ इसे क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति के कारण संवेदनशील बताते हैं।
स्थिति सामान्य बनी हुई है, लेकिन प्रशासन ने एहतियात बरतने के लिए लोगों को अलर्ट रहने को कहा है।