उत्तरकाशी, 29 जनवरी/ उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बुधवार दोपहर 3:28 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.7 रही और इसका केंद्र तहसील भटवाड़ी के ग्राम साल्ड उपरिकोट निसमोर के मध्य वन क्षेत्र में पांच किमी की गहराई में स्थित था।
लगातार झटकों से बढ़ी चिंता— इससे पहले भी बीते शुक्रवार और शनिवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। शुक्रवार को सुबह 7:41, 8:19 और 10:59 बजे तीन झटके आए थे, जिनमें से दूसरे झटके की तीव्रता 3.5 मापी गई थी। वहीं, शनिवार को सुबह 5:47 बजे 2.04 तीव्रता और शाम 5:27 बजे एक हल्का झटका महसूस किया गया।
लगातार आ रहे झटकों से स्थानीय लोगों में भय व्याप्त हो गया है। कई लोगों ने घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली। हालांकि, जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि अब तक किसी प्रकार की क्षति की सूचना नहीं है।
विशेषज्ञों ने जताई सतर्कता की जरूरत— वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान, देहरादून के भूवैज्ञानिक नरेश कुमार के अनुसार, उत्तरकाशी भूकंप के जोन 4 और 5 में आता है, जिससे यह संवेदनशील क्षेत्र बन जाता है। इंडियन प्लेट और यूरेशियन प्लेट के घर्षण के कारण यहां अक्सर भूकंप आते रहते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि लगातार छोटे झटके कभी-कभी बड़े भूकंप की चेतावनी हो सकते हैं, इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
1991 का विनाशकारी भूकंप आज भी डराता है— उत्तरकाशी में साल 1991 में 6.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे और हजारों मकान ध्वस्त हो गए थे। इसके बाद भी यह इलाका कई बार भूकंप की चपेट में आ चुका है।
प्रशासन की अपील— जिला प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे घबराने की बजाय सुरक्षा उपायों को अपनाएं और आपातकालीन स्थिति में प्रशासन के निर्देशों का पालन करें। विशेषज्ञों के अनुसार, सतर्कता और जागरूकता से भूकंप के खतरों को कम किया जा सकता है।