लंबे इंतजार के बाद उत्तराखंड में ठंड का असली एहसास लौट आया है। प्रदेश के चार धाम और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में इस सीजन की पहली बर्फबारी ने जहां पर्यटन को नई ऊंचाई दी है, वहीं स्थानीय निवासियों और काश्तकारों के चेहरों पर मुस्कान लौट आई है। बर्फ से ढकी चोटियां और ठंडी हवाओं ने ठिठुरन बढ़ा दी है, लेकिन इस बदलाव का स्वागत पूरे हर्षोल्लास के साथ किया जा रहा है।
चार धाम और अन्य क्षेत्रों में पहली बर्फबारी—
गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम समेत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी ने ठंड का एहसास गहरा कर दिया है। गंगोत्री और हर्षिल घाटी में रविवार दोपहर से शुरू हुई बर्फबारी ने पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को रोमांचित कर दिया। यमुनोत्री धाम में कड़ाके की ठंड के कारण गरुड़ गंगा का पानी जमने लगा है। वहीं, केदारनाथ में तापमान माइनस 8 से माइनस 11 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया है।
बदरीनाथ धाम और इसके आसपास के इलाकों में 4 इंच तक बर्फ जम चुकी है। हेमकुंड साहिब, फूलों की घाटी और औली में भी बर्फबारी का सिलसिला जारी है। औली में 2 इंच और जोशीमठ में 1 इंच बर्फ दर्ज की गई है।
पर्यटन और कृषि को मिली नई उम्मीद—
बर्फबारी ने पर्यटन व्यवसायियों और किसानों के लिए नई संभावनाएं पैदा की हैं। चकराता, लोखंडी, और मसूरी जैसे क्षेत्रों में बर्फबारी ने पर्यटकों को आकर्षित किया है। लोखंडी में होटल व्यवसायियों का कहना है कि बर्फबारी से पर्यटकों की आमद बढ़ेगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
किसानों के लिए यह बर्फबारी राहत की खबर लेकर आई है। लंबे समय से बारिश न होने और सूखी ठंड के कारण फसल उत्पादन प्रभावित हो रहा था। सेब के बागानों के लिए यह बर्फबारी वरदान साबित होगी।
मौसम का अप्रत्याशित बदलाव—
पिछले दो महीनों में उत्तराखंड सूखी ठंड का सामना कर रहा था, लेकिन दिसंबर के दूसरे सप्ताह में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मौसम ने करवट ली। रविवार को चटक धूप के बाद अचानक आसमान में बादल छा गए और देर शाम से बर्फबारी का दौर शुरू हो गया।
चमोली जिले के थराली और देवाल गांवों समेत 30 से अधिक गांव बर्फ की सफेद चादर से ढक गए। घाटी वाले क्षेत्रों में भी ठंडी हवाओं और बूंदाबांदी के चलते शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक—
मौसम वैज्ञानिकों ने 8 और 9 दिसंबर को हल्की से मध्यम बर्फबारी का अनुमान लगाया था, जो सही साबित हुआ। अगले कुछ दिनों में तापमान में और गिरावट आने की संभावना है। 10 दिसंबर के बाद मौसम फिर से शुष्क हो जाएगा, लेकिन न्यूनतम तापमान में 3 से 5 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की जा सकती है।
बर्फबारी ने लौटाई रौनक—
उत्तराखंड के पहाड़ों पर बर्फबारी ने जहां पर्यटकों के दिलों में उत्साह भरा है, वहीं स्थानीय लोग भी इस बदलाव से खुश हैं। लंबे इंतजार के बाद बर्फबारी ने सूखे पहाड़ों को एक बार फिर से जीवंत कर दिया है। कुदरत के इस खूबसूरत बदलाव का हर कोई आनंद ले रहा है।
यह बर्फबारी उत्तराखंड के लिए न केवल एक प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है, बल्कि कृषि, पर्यटन और स्थानीय जीवन के लिए वरदान साबित हो रही है। बर्फ से ढके पहाड़ों और सर्द हवाओं के बीच उत्तराखंड की खूबसूरती अपने चरम पर है।