पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह: एक संवेदनशील नेता और महान अर्थशास्त्री का निधन, देशभर में शोक की लहर, देहरादून से गहरा नाता

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भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली के एम्स में 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई। एक संवेदनशील नेता, कुशल प्रशासक और महान अर्थशास्त्री के रूप में डॉ. सिंह ने भारत के राजनीतिक और आर्थिक इतिहास पर अपनी गहरी छाप छोड़ी।

देहरादून से गहरा नाता—

डॉ. मनमोहन सिंह का उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से विशेष लगाव था। उनके भाई हरभजन सिंह कोहली का परिवार रेसकोर्स रोड पर रहता है। बचपन में अपने भाई के साथ साइकिल चलाने और फुटबॉल खेलने की यादों को वह अक्सर साझा करते थे। उनकी मां के निधन के बाद उनकी चाची रामदत्ती कौर ने उन्हें पाला, जिससे उनका अपने भाई और भतीजों से गहरा लगाव था। वर्ष 2018 में अपने आखिरी दौरे पर, वह स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। उनके करीबी रिश्ते देहरादून के लोगों से भी थे।

सादगी और संवेदनशीलता के प्रतीक—

पीएम हाउस में भी डॉ. सिंह परिवार के सदस्यों का स्वागत सत्कार स्वयं करते थे। भतीजे हरमीत सिंह ने बताया कि डॉ. सिंह सभी परिवारजनों के नाम जानते थे, यहां तक कि नए सदस्यों को भी नाम से पुकारते थे। वह इतने सरल और सादगीपूर्ण थे कि अगर परिवार के साथ अधिक लोग आ जाते, तो खुद उनके लिए कुर्सी लेने चल देते थे।

आइएमए से जुड़ी ऐतिहासिक यादें—

डॉ. मनमोहन सिंह स्वतंत्र भारत के ऐसे तीसरे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) की पासिंग आउट परेड (पीओपी) की सलामी ली। 10 दिसंबर 2007 को आईएमए के प्लेटिनम जुबली समारोह में उन्होंने बतौर रिव्यूइंग अफसर भाग लिया। इससे पहले यह सम्मान पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को प्राप्त हुआ था।

राजनीति और अर्थव्यवस्था में योगदान—

डॉ. सिंह ने भारत की अर्थव्यवस्था को वैश्वीकरण और उदारीकरण के माध्यम से एक नई दिशा दी। 1991 के आर्थिक सुधारों के दौरान उन्होंने वित्त मंत्री के रूप में देश को आर्थिक संकट से उबारा। प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल में देश ने स्थिरता और विकास के नए आयाम देखे।

उत्तराखंड में शोक की लहर—

डॉ. सिंह के निधन पर उत्तराखंड के नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लिखा, “देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी का निधन अत्यंत दुखद है। उनका जीवन राष्ट्र की सेवा के प्रति समर्पित रहा।”

देश के लिए अपूरणीय क्षति—

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, “डॉ. सिंह हमेशा देशवासियों के दिलों में जीवित रहेंगे। उनका निधन न केवल पार्टी, बल्कि देश के लिए अपूरणीय क्षति है।” उनके चचेरे भाई अमरजीत सिंह कोहली ने कहा कि परिवार इस खबर से स्तब्ध है।

सार्वजनिक जीवन के लिए प्रेरणा—

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन सादगी, संवेदनशीलता और समर्पण का प्रतीक रहा। उनके व्यक्तित्व ने देशवासियों को नेतृत्व, ईमानदारी और सेवा के उच्च आदर्श स्थापित करने का संदेश दिया। उनका निधन भारत के लिए एक युग का अंत है। वह हमेशा अपनी विनम्रता, सादगी और प्रगतिशील सोच के लिए याद किए जाएंगे।


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