धराली से किश्तवाड़ तक… एक और पहाड़ी त्रासदी ने ली दर्जनों जानें

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धराली से किश्तवाड़ तक… एक और पहाड़ी त्रासदी ने ली दर्जनों जानें

देहरादून / श्रीनगर। उत्तरकाशी के धराली में हाल ही में आई विनाशकारी आपदा की आपाधापी अभी शांत भी नहीं हुई थी कि जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में एक भयंकर क्लाउडबर्स्ट ने फिर पहाड़ों की नाजुक संवेदनशीलता को उजागर कर दिया। धराली में मलबे और पानी ने कई परिवारों की ज़िंदगी छीन ली थी—और अब किश्तवाड़ की घटना ने राहत कार्यों को फिर से चुनौतीपूर्ण मोर्चे पर ला खड़ा किया है।

ताज़ा विश्वसनीय जानकारियों के अनुसार किश्तवाड़ जिले के चशोटी गाँव (क्लाउडबर्स्ट क्षेत्र) में 14 अगस्त दोपहर आए इस भीषण क्लाउडबर्स्ट में अब तक कम से कम 46 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें दो CISF कर्मचारी भी शामिल हैं। इस दौरान लगभग 167 लोग सुरक्षित निकाले गए, जिनमें कई गंभीर रूप से घायल हैं, और 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं।
— यह जानकारी Economic Times से मिली है The Economic Times

Associated Press (AP) ने पुष्टि की है कि बचाव दलों द्वारा कम से कम 200 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया, लेकिन लगभग 50 लोग अभी भी लापता बताए जाते हैं AP News


घटना स्थल और राहत अभियान

यह त्रासदी Machail Mata यात्रा मार्ग पर स्थित चशोटी गांव में हुई—एक संवेदनशील क्षेत्र जहाँ यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित थे। हादसे के बाद यात्रा तुरंत स्थगित कर दी गई और राज्य प्रशासन ने NDRF, SDRF, सेना और स्थानीय पुलिस समेत व्यापक राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है AP NewsThe Economic Times


राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने संवेदना व्यक्त की और हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है AP NewsIndiatimes
इस त्रासदी की वजह से जम्मू-कश्मीर में 15 अगस्त के सांस्कृतिक आयोजनों को रद्द कर दिया गया है, हालांकि औपचारिक समारोह (जैसे भाषण, मार्च-पास्ट) आयोजित होंगे IndiatimesThe Times of India


परिदृश्य और भविष्य की मांगें

धराली और किश्तवाड़ में हुई ये घटनाएं दिखाती हैं कि पहाड़ी क्षेत्रों में चरम मौसमी घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं—एक चेतावनी जलवायु परिवर्तन और अव्यवस्थित विकास की ओर। विशेषज्ञों का कहना है कि भविष्य में तेज और सटीक मौसम पूर्वानुमान व आपदा प्रबंधन प्रणाली की जरूरत और भी गंभीरता से महसूस होगी।


संक्षिप्त तथ्य सारणी

विषय विवरण
मृतकों की संख्या कम से कम 46 (जिसमें CISF के 2 जवान शामिल)
बचाए गए लोग लगभग 167–200 (रिपोर्टिंग के आधार पर)
घायल कई, उनमें से कई गंभीर अवस्था में
लापता लोग लगभग 50 से अधिक
आपदा प्रतिक्रिया NDRF, SDRF, सेना, प्रशासन, स्थानीय पुलिस सक्रिय
राजनीतिक प्रतिक्रिया पीएम, राष्ट्रपति और अन्य नेताओं ने संवेदना और सहायता का आश्वासन दिया
स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द, औपचारिक समारोह जारी

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