देहरादून, 18 जनवरी 2025: /उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा के लिए 24 जनवरी एक ऐतिहासिक दिन होगा, जब गढ़वाली फीचर फिल्म “घपरोल” Plunex Productions के बैनर तले सिनेमा घरों में प्रदर्शित होगी। यह फिल्म क्षेत्रीय सिनेमा में नई तकनीकों और आधुनिक संसाधनों का अद्भुत उदाहरण पेश करेगी।

फिल्म की विशेषताएँ और दर्शकों का उत्साह—

“घपरोल” को बनाने में उच्च तकनीकी का इस्तेमाल किया गया है। उत्तराखंड की इस पहली फिल्म में इन-हाउस डॉल्बी साउंड सिस्टम का उपयोग हुआ है, जो अब तक सिर्फ बॉलीवुड फिल्मों में देखा गया था। फिल्म का ट्रेलर 15 जनवरी को लॉन्च किया गया, जिसे दर्शकों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली। ट्रेलर लॉन्च कार्यक्रम में सूचना एवं लोक संपर्क विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर नितिन उपाध्याय ने इसे उत्तराखंड के क्षेत्रीय सिनेमा के लिए मील का पत्थर बताया।
कहानी और निर्देशन—
फिल्म का निर्देशन और कहानी लेखन सिद्धार्थ शर्मा ने किया है। “घपरोल” उत्तराखंड के गाँवों में रोजगार और संघर्षों को दर्शाती एक हृदयस्पर्शी कहानी है।

यह फिल्म हंसी-मजाक और गाँव की उथल-पुथल से भरी है, जो पहाड़ों की सादगी, संघर्ष और खूबसूरती को पर्दे पर जीवंत करती है।
लोकल टैलेंट और स्थान—

फिल्म की शूटिंग उत्तरकाशी जिले के रैथल गाँव में की गई है। फिल्म की खास बात यह है कि इसमें 90% काम स्थानीय प्रतिभाओं द्वारा किया गया है।
फिल्म में गढ़वाली सिंगर करिश्मा शाह नायिका के रूप में नजर आएंगी। इसके अलावा, मदन दुकलान, राकेश गौड़ और कैलाश कंडवाल जैसे प्रसिद्ध कलाकार भी अपनी अदाकारी का जलवा बिखेरेंगे।
संगीत और सिनेमैटोग्राफी—

फिल्म का संगीत शुभ सहोता द्वारा तैयार किया गया है। गढ़वाली संगीत को ट्रेंडिंग चार्ट पर लाने वाला यह संगीत दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहा है।
“घपरोल” की सिनेमैटोग्राफी दर्शकों को उत्तराखंड के सुरम्य पर्वतीय इलाकों और गाँवों के बीच लेकर जाएगी।
उत्तराखंड: फिल्मों की शूटिंग के लिए आदर्श स्थान—

उत्तराखंड की प्राकृतिक सुंदरता, शांत वातावरण और पारंपरिक जीवनशैली इसे फिल्मों की शूटिंग के लिए आदर्श बनाती है। राज्य सरकार द्वारा फिल्म शूटिंग के लिए दी जाने वाली रियायतें और प्रोत्साहन भी इस क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही हैं। “घपरोल” जैसी फिल्मों का निर्माण यह साबित करता है कि उत्तराखंड क्षेत्रीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाने के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी नाम कमा सकता है।
फिल्म की कहानी और उद्देश्य—

120 मिनट की यह फिल्म उत्तराखंड के ग्रामीण जीवन और उनकी परंपराओं को सजीव करने का प्रयास करती है। फिल्म में युवा पीढ़ी के संघर्ष और उनकी सफलता की कहानी को दर्शाया गया है।
“घपरोल” सिर्फ एक फिल्म नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर और संभावनाओं का प्रतिनिधित्व है। यह फिल्म स्थानीय कलाकारों, कहानी और संगीत के माध्यम से न केवल दर्शकों का मनोरंजन करेगी, बल्कि उन्हें उत्तराखंड की संस्कृति से भी परिचित कराएगी।
फिल्म का ट्रेलर देखने के लिए नीचे क्लिक करें:👇
https://youtu.be/A4erUZa5mgM?si=-ce02YCnHr-7Xql5
(रिपोर्ट: उत्तराखंड क्षेत्रीय सिनेमा पर विशेष)