देवभूमि उत्तराखंड के जंगलों में अतिक्रमण कर वहां बन रही मजारों और अन्य धार्मिक संरचनाओं का विषय एक बार फिर से चर्चा के केंद्र में है। उत्तराखंड में जनसंख्या असंतुलन दूर करने को अब जल्द स्पेशल ड्राइव चलाई जायेगी और लैंड जिहाद पर पूरी तरह से रोक लगाई जाएगी। उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में एक हजार ऐसे स्थान चिन्हित किये हैं जहाँ अतिक्रमण कर मजार आदि बना दिए गए हैं।
जंगलों में अवैध रूप से बनी मजारों को हटाने की मुहिम भी पिछले लगभग छह माह से चल रही है। पूर्व में देहरादून वन प्रभाग में 17, कालसी वन प्रभाग में नौ और गढ़वाल वन प्रभाग में बनी एक मजार को ध्वस्त किया गया था। इन सभी मामलों में वन भूमि में अतिक्रमण की पुष्टि हुई थी। सरकार ने भी माना है कि जंगल की भूमि पर कब्जा कर एक हजार से ज्यादा मजारें व अन्य संरचनाएं बनी होने की बात सामने आई है। अभी सर्वे जारी है और इनकी संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री— “वन क्षेत्रों में किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न हो, इस पर सरकार का विशेष ध्यान है। कुछ अतिक्रमण हटाए गए हैं और यह क्रम आगे भी बना रहेगा। जंगल में जहां भी धार्मिक स्थल अथवा किसी अन्य आड़ में अतिक्रमण की शिकायत आती है तो उस पर गंभीरता से कार्रवाई अमल में लाई जाएगी”