परीक्षाओं में धांधली सामने आने के बाद से प्रदेश के युवा बेरोजगारों में रोष बढ़ता जा रहा है। कई भर्ती परीक्षा संदेह के घेरे में आ गई हैं और कईयों की जांच की जा रही है। राजधानी दून की सड़कों पर आज हजारों बेरोजगारों का हुजूम उमड़ पड़ा इसी क्रम में आज हजारों बेरोजगार युवाओं ने राजधानी में हुंकार भरी और देहरादून की सड़क पर उतर कर अपना रोष प्रकट किया और सीबीआइ जांच की मांग की।
उत्तराखंड बेरोजगार संगठन के बैनर तले राज्यभर से विभिन्न संगठनों से जुड़े बेरोजगार परेड ग्राउंड में एकत्र हुए। प्रदर्शनकारी यहां से अपने हाथों में बैनर और तख्तियां लिए नज़र आये जिसके बाद वे कान्वेंट चौक, तिब्बती मार्केट, लैंसडोन चौक, कनक चौक से शिवालय के लिए रैली के रूप में निकले।बेरोजगारों की भारी भीड़ देखते हुए पुलिस के पसीने छूट गए हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को सचिवालय से पहले ही बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, जिसके बाद प्रदर्शनकारी युवा सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।युवाओं ने विवादित भर्तियां रद करने की मांग उठाई। यूकेएसएसएससी, यूके पीसीएस, विधानसभा और सचिवालय रक्षक भर्ती की जांच सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई को सौंपने की मांग उठाई।
बेरोजगारों की रैली को आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, भारतीय संवैधानिक अधिकार मंच और उत्तराखंड क्रांति दल जैसे दलों ने भी अपना समर्थन दिया है।
गौरतलब है भर्ती घोटालों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक्शन में हैं और उन्होंने सभी भर्तियों की जांच में पहल भी की है। उत्तराखंड विधानसभा में बैक डोर से हुई भर्तियों के मामले में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। वहीं अन्य भर्ती घोटाओं पर एसटीएफ जांच कर कार्यवाही कर रही है।