बनभूलपुरा हिंसा मामले में पुलिस ने 18 नामजद समेत पांच हजार उपद्रवियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। घटनास्थल और आसपास के इलाके से पांच शव बरामद कर लिए गए हैं। एक व्यक्ति की मौत बरेली ले जाते समय हो गई, हालांकि प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
उपद्रव के बाद हल्द्वानी में कर्फ्यू लगा दिया गया था। दो दिन से लोग कर्फ्यू के कारण घरों में कैद थे। आज हल्द्वानी से कर्फ्यू हटा दिया गया है। उपद्रव का केंद्र रहे बनभूलपुरा में कर्फ्यू जारी रहेगा। उत्तराखंड के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर एपी अंशुमान ने ये घोषणा की है। गौरतलब है कि उपद्रवियों ने पुलिस, पत्रकारों और आम लोगों पर हमला कर दिया था। हिंसा के तांडव में 300 के करीब लोग घायल हो गए थे। 3 लोगों की जान चली गई। करीब 100 वाहनों जिनमें पुलिस के वाहन भी शामिल थे में उपद्रवियों ने आग लगा दी।
बता दें कि हल्द्वानी शहर के बनभूलपुरा इलाके में ही सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा करके मस्जिद और मदरसा बनाया गया था। कई नोटिस के बाद भी जब ये अवैध निर्माण नहीं हटाए गए तो नगर निगम प्रशासन के साथ 8 फरवरी को इसे हटाने गया था। इसी दौरान उपद्रवियों की भीड़ ने नगर निगम की टीम, पुलिस प्रशासन के लोगों और पत्रकारों पर जानलेवा हमला बोल दिया था। बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। उपद्रवियों के तांडव से हालात इतने भयावह हो गए थे कि पुलिस को उपद्रवियों को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी हो गए थे। गुरुवार शाम से शुरू हुआ हिंसा का तांडव देर रात 3 बजे शांत हो सका था। हिंसा के तांडव में 300 के करीब लोग घायल हो गए थे।
बनभूलपुरा कांड की गंभीरता को समझते हुए सीएम पुष्कर सिंह धामी भी शुक्रवार को हल्द्वानी पहुंच गए। उन्होंने सबसे पहले कोतवाली में घायलों का हाल जाना और पुलिस-प्रशासन का हौसला बढ़ाया। मीडियाकर्मियों से बातचीत में सीएम ने कहा कि जिला प्रशासन-पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि आरोपियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। वीडियो फुटेज फोटो देखकर उपद्रवियों को चिन्हित किया जाए और रासुका लगाई जाए। उन्होंने कहा कि उपद्रव करने वालों पर रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) लगेगी। कानून किसी को हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी।