हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से मातम, 6 श्रद्धालुओं की मौत, करंट की अफवाह बनी हादसे की वजह

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हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर में भगदड़ से मातम, 6 श्रद्धालुओं की मौत, करंट की अफवाह बनी हादसे की वजह

हरिद्वार, 27 जुलाई — रविवार का दिन हरिद्वार के लिए एक दर्दनाक त्रासदी लेकर आया। प्रसिद्ध शक्तिपीठ मां मनसा देवी मंदिर में सुबह करीब 8:50 बजे सीढ़ी मार्ग पर भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 35 से अधिक लोग घायल हो गए। हादसे के बाद पूरे शहर में शोक और अफरा-तफरी का माहौल है।

करंट की अफवाह से मची भगदड़

पुलिस के अनुसार, मंदिर के मुख्य सीढ़ी पैदल मार्ग पर अचानक यह अफवाह फैल गई कि रास्ते में करंट फैल गया है। एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि यह अफवाह इतनी तेजी से फैली कि श्रद्धालुओं में दहशत मच गई और लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए भागने लगे। देखते ही देखते हजारों की भीड़ में भगदड़ जैसी स्थिति बन गई और कई श्रद्धालु सीढ़ियों पर गिर पड़े।

हादसे में 6 की मौत, कई घायल

गढ़वाल कमिश्नर रविशंकर पांडे ने हादसे में 6 लोगों की मौत की पुष्टि की है। घायलों में एक बच्चा भी शामिल है। सभी घायलों को हरिद्वार जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गंभीर रूप से घायलों को हायर सेंटर रेफर किया गया है। डॉक्टरों के अनुसार, अधिकतर घायलों को दम घुटने, सिर पर चोट और कुचलने के कारण अस्पताल लाया गया।

बचाव कार्य में जुटी टीमें

घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं और तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। मौके पर 108 सेवा की सात एंबुलेंस और ‘खुशियों की सवारी’ की दो एंबुलेंस तैनात की गईं, जिनके माध्यम से घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।

मंदिर परिसर बंद, जांच के आदेश

घटना के बाद मंदिर परिसर को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। पुलिस ने पूरे घटनाक्रम की जांच शुरू कर दी है। एसएसपी डोबाल ने कहा कि भगदड़ की असली वजह की पुष्टि के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है।

मुख्यमंत्री धामी ने जताया दुख

हादसे को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

“हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर मार्ग में भगदड़ मचने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ है।
एसडीआरएफ, स्थानीय पुलिस और अन्य बचाव दल मौके पर राहत एवं बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।
स्थानीय प्रशासन से संपर्क में हूं और स्थिति पर निगरानी रख रहा हूं। माता रानी से सभी श्रद्धालुओं के सकुशल होने की प्रार्थना करता हूं।”

भीड़ प्रबंधन पर उठे सवाल

शनिवार और रविवार वीकेंड होने के कारण मंदिर में उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से हजारों श्रद्धालु पहुंचे थे। इसके अलावा कांवड़ मेला समाप्ति के बाद भी कई कांवड़िए मंदिर दर्शन को आए हुए थे। ऐसे में प्रशासन पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे हैं।


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