उत्तराखंड में भारी बारिश का अलर्ट जारी, 11 सितंबर तक मौसम रहेगा खराब – कई जिलों में भूस्खलन और बाढ़ की चेतावनी
देहरादून। उत्तराखंड में मानसून अभी पूरी तरह से शांत नहीं हुआ है और मौसम विभाग ने राज्य में भारी बारिश की संभावना को लेकर येलो अलर्ट जारी किया है। सोमवार, 8 सितंबर को भी पूरे उत्तराखंड में बारिश के तीव्र से अति तीव्र दौर चलने की संभावना है। गढ़वाल मंडल के देहरादून और पौड़ी गढ़वाल जिलों के साथ-साथ कुमाऊं मंडल के बागेश्वर व नैनीताल जिलों में कहीं-कहीं भारी बारिश और गरज चमक के साथ तूफानी बारिश का पूर्वानुमान है। राज्य के बाकी जिलों में भी कहीं-कहीं बारिश के तेज दौर बने रहेंगे।
मौसम का हाल और आगामी पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी तीन दिन यानी 9, 10 और 11 सितंबर को भी उत्तराखंड में लगातार बारिश का दौर जारी रहेगा। इन दिनों भी राज्य भर में येलो अलर्ट जारी रहेगा। हर जगह बादलों की गर्जना और बिजली चमकने के साथ बारिश की तीव्रता बनी रहेगी, जिससे आम जनजीवन पर प्रभाव पड़ने की संभावना बनी हुई है।
प्रमुख शहरों का तापमान
बारिश की वजह से तापमान सामान्य बना हुआ है।
-
देहरादून: अधिकतम 28°C, न्यूनतम 23°C
-
हरिद्वार: अधिकतम 31°C, न्यूनतम 24°C
-
रुद्रपुर व काशीपुर: अधिकतम 32°C, न्यूनतम 26°C
-
हल्द्वानी (नैनीताल के पास): अधिकतम 29°C, न्यूनतम 24°C
यह मौसम यात्रा और घूमने के लिए आदर्श जरूर माना जा रहा है, लेकिन प्राकृतिक आपदाओं की आशंका भी बनी हुई है।
इस बार भारी तबाही का सामना
इस बार के मानसून में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचाई है।
-
धराली में मानसून की सबसे बड़ी आपदा दर्ज की गई।
-
पौड़ी गढ़वाल में प्राकृतिक आपदा से जनजीवन अस्त-व्यस्त हुआ।
-
चमोली जिले के थराली में भारी नुकसान हुआ।
-
बागेश्वर में भी आपदा के चलते व्यापक नुकसान दर्ज हुआ।
-
उत्तरकाशी के स्यानाचट्टी में यमुना नदी पर झील बन जाने से खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई।
जागरूकता और सतर्कता जरूरी
मौसम विभाग ने राज्यवासियों से अपील की है कि वे अत्यधिक सावधानी बरतें। खासकर उन इलाकों में रहने वाले लोग, जो भूस्खलन और बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं, उन्हें अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। साथ ही जरूरी वस्तुओं का स्टॉक बनाए रखने और आवश्यकतानुसार सरकारी निर्देशों का पालन करने की भी सलाह दी जा रही है।
उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में मानसून का ऐसा प्रभाव पहले कभी नहीं देखा गया था। इस बार का मौसम पूर्वानुमानों से अधिक खतरनाक साबित हो रहा है, जिससे सरकारी एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं।