अवैध शराब दर वसूली मामला: ठेका मालिक को उपभोक्ता को मुआवज़ा देने का आदेश
देहरादून।
शराब के निर्धारित मूल्य से अधिक वसूली करने पर उपभोक्ता आयोग ने एक अहम फैसला सुनाया है। मामले में जिला आबकारी विभाग की रिपोर्ट ने निर्णायक भूमिका निभाई, जिसके आधार पर उपभोक्ता के दावे की पुष्टि हुई। आयोग ने ठेका मालिक को अतिरिक्त वसूली की राशि के साथ मानसिक पीड़ा और मुकदमा खर्च के लिए मुआवज़ा अदा करने का आदेश दिया है।
क्या है मामला
एक उपभोक्ता ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसने शराब के 150 रुपये मूल्य के पव्वे के बदले ठेके से 180 रुपये वसूले जाने की जानकारी आयोग को दी। इस अतिरिक्त 30 रुपये की अवैध वसूली को लेकर उपभोक्ता ने आपत्ति जताई और मामला जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के समक्ष पहुंचा।
आबकारी विभाग को बनाया गया पक्षकार
मामले की सुनवाई के दौरान आयोग ने उत्तराखंड आबकारी विभाग को भी पक्षकार बनाया और उनसे तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी। जिला आबकारी अधिकारी द्वारा प्रस्तुत जवाब में स्पष्ट रूप से कहा गया कि किसी भी स्थिति में 150 रुपये की एमआरपी वाले उत्पाद के बदले 180 रुपये वसूलना पूरी तरह अवैध और प्रतिबंधित है।
उपभोक्ता आयोग का फैसला
प्रस्तुत साक्ष्यों और आबकारी विभाग की रिपोर्ट के आधार पर उपभोक्ता आयोग ने माना कि शिकायतकर्ता के साथ अतिरिक्त वसूली कर आर्थिक और मानसिक शोषण किया गया है। आयोग ने ठेका मालिक को निर्देश दिया कि:
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वसूले गए अतिरिक्त 30 रुपये उपभोक्ता को लौटाए जाएं
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मानसिक पीड़ा के लिए 5000 रुपये मुआवजा दिया जाए
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मुकदमा खर्च के तौर पर 2000 रुपये का भुगतान किया जाए
उक्त सभी राशियाँ 45 दिनों के भीतर अदा करनी होंगी। आयोग ने यह भी चेतावनी दी कि तय समयावधि में भुगतान न करने की स्थिति में अतिरिक्त कानूनी कार्रवाई हो सकती है।