उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने की दिशा में अहम कदम, यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट सीएम धामी को सौंपा गया

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देहरादून, 18 अक्टूबर: उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए आज, शुक्रवार को नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने यूसीसी नियमावली का ड्राफ्ट मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंप दिया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सभी को समान न्याय और समान अवसर देने के लिए यूसीसी लागू किया जा रहा है। सरकार इस संहिता को 9 नवंबर 2024 को उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर लागू करना चाहती है।

चित्र साभार- सोशल मीडिया

यूसीसी के तहत यह होंगे बदलाव— 
यूसीसी लागू होने के बाद सभी धर्म-समुदायों के लिए विवाह, तलाक, गुजारा भत्ता, और विरासत के लिए एक समान कानून होगा। इसमें विवाह-विच्छेद, लिव-इन रिलेशनशिप, जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण, और उत्तराधिकार संबंधी नियम शामिल हैं। यूसीसी के तहत 26 मार्च 2010 के बाद से सभी दंपतियों के लिए शादी और तलाक का पंजीकरण अनिवार्य होगा। इसके अलावा, पंजीकरण न कराने पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है और पंजीकरण न कराने वाले सरकारी सुविधाओं से वंचित रहेंगे।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

महिलाओं के लिए विशेष अधिकार और सुधार—
यूसीसी के तहत महिलाओं को पुरुषों के समान तलाक के अधिकार मिलेंगे, जिसमें हलाला और इद्दत जैसी प्रथाओं को समाप्त किया गया है। तलाक के समय पांच वर्ष तक के बच्चे की कस्टडी माता के पास रहेगी। साथ ही, संपत्ति में बेटा और बेटी को समान अधिकार मिलेंगे और नाजायज बच्चों को भी जैविक संतान का दर्जा मिलेगा।

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ऑनलाइन पोर्टल से मिलेगी सुविधाएं—
यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और मोबाइल एप भी तैयार किया गया है, जिससे पंजीकरण और अपील आदि की सुविधाएं जनसामान्य को ऑनलाइन माध्यम से सुलभ होंगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि यूसीसी लागू होने के बाद लोगों को दफ्तरों के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और वे ऑनलाइन माध्यम से ही सभी प्रक्रियाओं का लाभ उठा सकेंगे।

फाइल फोटो -चित्र साभार – सोशल मीडिया

घोषणा से लागू होने तक का सफर—
12 फरवरी 2022 को विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने यूसीसी की घोषणा की थी। मई 2022 में सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में विशेषज्ञ समिति बनाई गई थी, जिसने 20 लाख सुझावों का विश्लेषण कर फरवरी 2024 में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार किया। इसके बाद 7 फरवरी 2024 को विधानसभा से विधेयक पारित हुआ और 11 मार्च को राष्ट्रपति से मंजूरी प्राप्त हुई। नियमावली एवं क्रियान्वयन समिति ने 18 अक्टूबर 2024 को यूसीसी की नियमावली का ड्राफ्ट तैयार कर मुख्यमंत्री को सौंपा।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

जल्द होगी मंत्रिमंडल की बैठक—
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि नियमावली का ड्राफ्ट मिल चुका है और इसके क्रियान्वयन की तिथि तय करने के लिए जल्द ही मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित की जाएगी। उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू होने से राज्य में कानूनी प्रक्रियाएं अधिक पारदर्शी और सरल होंगी, जिससे लोगों को लाभ मिलेगा।

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता की शुरुआत से राज्य में कानूनी व्यवस्था में व्यापक बदलाव की उम्मीद की जा रही है। यूसीसी के लागू होने से राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान कानून की स्थापना होगी, जो सामाजिक समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।


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