केदारनाथ उपचुनाव: बीजेपी की आशा…आशा नौटियाल, कांग्रेस के मनोज रावत से भिड़ंत

Spread the love

केदारनाथ उपचुनाव का मैदान इस बार बेहद दिलचस्प बन गया है। बीजेपी ने रविवार को पूर्व विधायक और वर्तमान में महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल को प्रत्याशी घोषित किया है। इससे पहले, कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को अपना उम्मीदवार बनाया था। दोनों ही प्रत्याशी राजनीतिक रूप से अनुभवी हैं और केदारनाथ की जनता के बीच अपनी पहचान रखते हैं।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

आशा नौटियाल पर बीजेपी का भरोसा—

आशा नौटियाल 2002 से 2012 तक केदारनाथ से विधायक रह चुकी हैं और पार्टी की सक्रिय कार्यकर्ता रही हैं। उनके नाम को लेकर बीजेपी के भीतर लंबी चर्चा हुई, क्योंकि उनके साथ-साथ शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत और कर्नल अजय कोठियाल जैसे नाम भी सामने आए थे। लेकिन अंत में बीजेपी ने महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल पर भरोसा जताया।

यह चुनाव बीजेपी के लिए विशेष महत्व रखता है क्योंकि 2016 में कांग्रेस से बीजेपी में आईं शैलारानी रावत को टिकट देने के कारण आशा नौटियाल ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। उस समय इसका सीधा लाभ कांग्रेस को मिला और मनोज रावत ने जीत दर्ज की थी। अब एक बार फिर मनोज रावत और आशा नौटियाल के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है।

कांग्रेस की चुनौती—

कांग्रेस ने मनोज रावत को प्रत्याशी बनाकर एक बार फिर से अपनी पुरानी जीत को दोहराने की कोशिश की है। मनोज रावत ने पिछली बार बीजेपी के बिखराव का फायदा उठाया था, लेकिन इस बार समीकरण बदल चुके हैं। बीजेपी के सभी कार्यकर्ता एकजुट होकर इस बार केदारनाथ सीट को जीतने की कोशिश में हैं।

चित्र – ओम जोशी 

केदारनाथ में मतदाताओं का आंकड़ा और तैयारी—

केदारनाथ विधानसभा सीट पर कुल 90,540 मतदाता हैं, जिसमें 44,765 पुरुष और 45,775 महिला मतदाता शामिल हैं। इसके अलावा, यहां 2,949 सर्विस वोटर भी हैं। इस उपचुनाव में 18 से 19 वर्ष के युवाओं की भागीदारी भी बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कुल 2,441 नए मतदाता इस बार मतदान करेंगे। 20 नवंबर को मतदान होना है, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी।

चुनाव की तैयारियों के तहत क्षेत्र को दो जोनल मजिस्ट्रेट और 27 सेक्टर मजिस्ट्रेट में बांटा गया है। अधिकारियों की तैनाती की जा रही है ताकि चुनाव निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो सके।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

क्या कहती हैं चुनावी संभावनाएँ?—

राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि बीजेपी का यह निर्णय रणनीतिक है। पार्टी ने आशा नौटियाल को टिकट देकर महिला नेतृत्व पर भरोसा जताया है और क्षेत्र के पुराने समीकरणों को ध्यान में रखा है। दूसरी तरफ, कांग्रेस के लिए यह उपचुनाव अपनी पकड़ को साबित करने का एक महत्वपूर्ण मौका है।

अब देखना होगा कि जनता किसके पक्ष में वोट डालती है और कौन केदारनाथ की इस पवित्र भूमि का प्रतिनिधित्व करता है। दोनों पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी है, और मुकाबला दिलचस्प होने की पूरी उम्मीद है।


Spread the love