उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई है, खबरें हैं कि निकायों के चुनाव अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होंगे। उधर निर्वाचन विभाग भी अब निकाय चुनाव की कवायद तेज होने लगी हैं। बता दें कि प्रदेश में नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था। छह माह यानी दो जून तक के लिए निकाय प्रशासकों के हवाले हो गए थे।
उत्तराखंड में नगर निकाय चुनाव लगभग अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होंगे, इसे लेकर सुगबुगाहट तेज है. आपको बता दें कि नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों का कार्यकाल पिछले साल दो दिसंबर को पूरा हो गया था।जिसके बाद छह माह यानी दो जून तक के लिए निकाय प्रशासकों को सौंपा गया था। इसके बाद इस अवधि में चुनाव न होने के चलते प्रशासक के कार्यकाल को तीन माह के लिए फिर से बढ़ाया गया।
उत्तराखंड में स्थानीय निकाय चुनाव में हो रही देरी का मामला एक बार फिर हाई कोर्ट पहुंच गया है। इस मामले में सुनवाई के लिए अगली तिथि 13 अगस्त नियत की है. इस बीच नगर निकायों के चुनाव अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में होने की उम्मीद में सरकार ने इस टाइमलाइन के साथ तैयारियां तेज कर दी हैं। इससे पहले 15 सितंबर तक ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नियमावली आदि का काम पूरा होगा। निकायों का परिसीमन, वोटर लिस्ट का काम भी तब तक पूरा करने की समय सीमा रखी गई है। उधर, सचिव शहरी विकास नितेश झा ने बताया, निर्धारित समय सीमा में निकाय चुनाव कराने के लिए तैयारी तेज कर दी गई हैं।
शासन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि नगर निगम देहरादून के 54 वार्डों का परिसीमन 15 दिन के भीतर सुधार कर शासन को भेजा जाए। इस समय सीमा में ओबीसी आरक्षण व वोटर लिस्ट का काम पूरा करना है। वहीं, सरकार ने निकाय चुनाव से पहले अल्मोड़ा और पिथौरागढ़ को नगर निगम बनाने की कवायद भी तेज कर दी है। प्रदेश में दो नगर निगम बनने के बाद 11 नगर निगम (देहरादून, ऋषिकेश, हरिद्वार, रुड़की, कोटद्वार, श्रीनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, रुद्रपुर, पिथौरागढ़ व अल्मोड़ा) हो जाएंगे। इसके अतिरिक्त नगर पालिका की संख्या 41 और नगर पंचायतों की संख्या 50 होगी।