महाराष्ट्र (Maharashtra) के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Governor Bhagat Singh Koshyari) अपने एक विवादित बयान की वजह से मुश्किलों में फंसते हुए नजर आ रहे हैं। महाराष्ट्र में एक कार्यक्रम के दौरान भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि अगर महाराष्ट्र से खासकर मुंबई और ठाणे से गुजरातियों और राजस्थानी लोगों को निकाल दिया जाए तो यहां कोई पैसा नहीं बचेगा। ये लोग अगर निकल गए तो देश की आर्थिक राजधानी मुंबई नहीं रह जाएगी। उनके बयान की चौतरफा निंदा हो रही है। इस बयान के बाद राज्यपाल महाराष्ट्र की सियासी पार्टियों के निशाने पर आ चुके हैं।शिवसेना, कांग्रेस, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, एनसीपी, एकनाथ शिंदे गुट से लेकर हर कोई गवर्नर पर निशाना साध रहा है।
बयान को लेकर संजय राउत ने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें महाराष्ट्र के राज्यपाल अपनी बात रख रहे हैं।
देखिये वीडियो—
आता तरी..
ऊठ मराठ्या ऊठ..
शिवसेना फोडून बुळबुळीत सरकार का आणले याचा खुलासा भाजपा राज्यपालांनी केला आहे..
बुळबुळीत गटाचे लोक उठणार नाहीत..
मराठ्या तुलाच उठावे लागेल.. pic.twitter.com/QYX4weHdQ2— Sanjay Raut (@rautsanjay61) July 30, 2022
भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान पर संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र में बीजेपी समर्थित मुख्यमंत्री होते हुए मराठी और छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान हुआ है। स्वाभिमान और अपमान के मुद्दे पर अलग हुआ गुट अगर इस पर चुप बैठता है तो शिवसेना का नाम न लिया जाए। कम से कम मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इसका विरोध तो करें। ये महाराष्ट्र की जनता का अपमान है।
बढ़ते विवाद को देखकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अपने बयान पर सफाई पेश की है। उन्होंने कहा कि मराठी व्यक्ति की मेहनत ने महाराष्ट्र के निर्माण में सबसे अधिक योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि मुंबई, महाराष्ट्र का स्वाभिमान है। यह देश की आर्थिक राजधानी भी है। मुझे गर्व है कि मुझे छत्रपति शिवाजी महाराज और मराठी जनता की इस धरती पर राज्यपाल के रूप में सेवा का अवसर मिला है।
शिवसेना सांसद संजय राउत के बाद अब पार्टी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्यपाल कोश्यारी के एक विवादास्पद बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। ठाकरे ने मुंबई में प्रेस वार्ता कर कहा कि वह राज्यपाल पद का अपमान नहीं चाहतै हैं लेकिन जो उस कुर्सी पर बैठा है, उसे भी उसका मान रखना चाहिए।