एनजीटी के आदेश पर सोमवार 24 जून को देहरादून में एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त कर दिए। इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। भारी पुलिस बल की मौजूदगी में एमडीडीए की टीम ने ये कार्रवाई की। एमडीडीए को आगामी 30 जून तक कार्रवाई कर एनजीटी के समक्ष रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इस दौरान एमडीडीए के अधिकारी को लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को एमडीडीए ने रिस्पना नदी किनारे काठबंगला बस्ती में अवैध कब्जों पर कार्रवाई कर जेसीबी से 26 मकान ध्वस्त कर दिए। इस दौरान बस्ती छावनी में तब्दील रही। जहाँ ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के दौरान स्थानीय लोग गुस्से का इजहार करते रहे वे कभी एमडीडीए तो कभी सरकार पर सवाल उठाते रहे। वहीं अधिकारी जांच के आधार पर तैयार की गई सूची का हवाला देते रहे। जिसके बाद पुलिस फोर्स ने मोर्चा संभाला और जेसीबी ने अपना काम शुरू कर दिया। एक-एक कर शाम तक 26 मकानों को ध्वस्त कर दिया गया।
जिलाधिकारी सोनिका बताती हैं कि प्रशासन ने इन क्षेत्रों में सर्वे के लिए साल 2016 से पहले बिजली पानी के कनेक्शन और अन्य सरकारी सुविधाओं को आधार बनाया है और इसी को देखते हुए इन सभी निर्माण को अवैध करार कर उनको तोड़ा जा रहा है। साथ ही बताया कि पहले नगर निगम ने अवैध अतिक्रमण पर कार्रवाई की गई थी और अब एमडीडीए की तरफ से कार्रवाई की जा रही है।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी बताते हैं कि अधिकारियों को अवैध भवनों को ही ध्वस्त करने के निर्देश दिए गए हैं, कार्रवाई पूरी होने तक अभियान अगले दो-तीन दिन जारी रहेगा।