“सावन में गांव पहुंचा नागराज: उत्तराखंड के रजौली गांव में 12 फीट लंबा किंग कोबरा, वन विभाग की टीम ने किया सफल रेस्क्यू”विकासनगर (उत्तराखंड)
13 जुलाई। सावन का महीना जहां धार्मिक आस्था और शिव भक्ति का प्रतीक माना जाता है, वहीं इसी पावन माह में उत्तराखंड के एक गांव में जब असली “नागराज” प्रकट हुआ, तो लोगों की रूह कांप गई। मामला चौहड़पुर रेंज के अंतर्गत आने वाले रजौली गांव का है, जहां शुक्रवार को करीब 12 फीट लंबा किंग कोबरा जंगल से निकलकर सीधे ग्रामीण बस्ती में आ पहुंचा।
इस विशालकाय सांप को देखते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। डर के मारे लोग अपने घरों में दुबक गए और तुरंत वन विभाग को सूचना दी गई। सूचना मिलते ही चौहड़पुर रेंज के वन क्षेत्राधिकारी पंकज ध्यानी के नेतृत्व में एक विशेष रेस्क्यू टीम मौके पर रवाना हुई।
करीब एक घंटे की सतर्कता और संयम के साथ की गई मशक्कत के बाद टीम ने इस दुर्लभ और विषैले किंग कोबरा को सुरक्षित पकड़ा। बाद में इसे टिमली के घने जंगलों में ले जाकर प्राकृतिक वातावरण में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया।
वन विभाग के अनुसार, चौहड़पुर रेंज की यह रेस्क्यू टीम अब तक 500 से अधिक सांपों का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर चुकी है। इन रेस्क्यू ऑपरेशनों में कोबरा, रसल वाइपर, कॉमन करैत और वनसुंदरी जैसे खतरनाक सांप शामिल हैं। हालांकि, किंग कोबरा के रेस्क्यू का यह पहला मामला है, जो इसे और भी उल्लेखनीय बना देता है।
गौरतलब है कि किंग कोबरा न केवल विश्व का सबसे लंबा विषैला सांप होता है, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी बेहद अहम प्रजाति है। इसे सुरक्षित पकड़ना और जंगल में पुनः छोड़ना वन्यजीव संरक्षण के लिहाज से एक सराहनीय कदम माना जा रहा है।