मदरसों में कक्षा शुरू करने से पहले गाना होगा राष्ट्रगान, यूपी मदरसा बोर्ड का बड़ा फैसला

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उत्तर प्रदेश के मदरसों में राष्ट्रगान को अनिवार्य कर दिया गया है। ख़बरों के अनुसार इसमें अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में नए सेशन से राष्ट्रगान गायन अनिवार्य किए जाने का बड़ा और अहम फैसला लिया गया है। अब हर मदरसे को कक्षाएं शुरू करने से पहले अन्य दुआओं के साथ राष्ट्रगान शिक्षकों और छात्रों को एक साथ गाना होगा। परिषद ने गुरुवार को अपनी बैठक में मुंशी-मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल की परीक्षाएं 14 मई से 27 मई के बीच कराने का भी निर्णय लिया।

यूपी मदरसा शिक्षा परिषद ने यूपी के मदरसों को लेकर बोर्ड की मीटिंग में कई बड़े फैसले किए हैं. इसमें अनुदानित और गैर अनुदानित मदरसों में नए सेशन से राष्ट्रगान गायन अनिवार्य किए जाने का बड़ा और अहम फैसला लिया गया है।
मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष इफ्तिखार अहमद जावेद की अध्यक्षता में होने वाली अहम बैठक में यह तय किया गया है कि मदरसा बोर्ड में अब छह प्रश्न पत्रों की परीक्षा होगी इसमें बेसिक शिक्षा की तर्ज पर कक्षा 1 से 8  तक के पाठ्यक्रम में दीनियात के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र होंगे। इसी तरह सेकेंडरी यानी मुंशी मौलवी में अरबी फारसी साहित्य के साथ दीनियात शामिल करते हुए एक विषय रखा जाएगा। हिंदी, अंग्रेजी, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान के प्रश्न पत्र अलग होंगे।
बैठक में तय किया गया कि मदरसों में घटती छात्र संख्या के चलते जिन अनुदानित मदरसों में छात्रों की संख्या से शिक्षक के पद अधिक सृजित हैं वहां के शिक्षक जिन मदरसों में शिक्षक कम हैं वहां समायोजित के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जाएगा। बैठक में मदरसा शिक्षकों के पुत्र-पुत्रियों के अंग्रेजी शिक्षा ग्रहण करने की जानकारी प्राप्त करने के लिए सर्वे कराने का निर्णय लिया गया।
वहीँ बैठक में यह भी तय किया गया कि मदरसों में छात्र पंजीकरण ऑनलाइन कराया जाएगा और आधार बेस्ड उपस्थिति प्रणाली विकसित करते हुए अगले सत्र से लागू की जाएगी। मदरसा शिक्षकों की समय उपस्थिति के लिए मदरसों में बायोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू की जाएगी। शिक्षण में गुणवत्ता बढ़ाने और भाई-भतीजावाद रोकने के लिए शिक्षक पात्रता की तर्ज पर मदरसा शिक्षक पात्रता परीक्षा एमटीईटी लागू होगी। इस संबंध में रजिस्ट्रार को विस्तृत प्रस्ताव शासन को भेजने का निर्देश दिया गया। इस निर्णय के बाद मदरसों में रिक्त होने वाले शिक्षक पदों के लिए वही अर्ह माने जाएंगे जो एमटीईटी उत्तीर्ण होंगे।

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