उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर में राशन कार्ड के सत्यापन के लिए ‘अपात्र को ना-पात्र का हां’ अभियान चलाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस अभियान के बाद उम्मीद की जा रही है कि अब सक्षम व्यक्ति गरीबों के हक पर डाका नहीं डाल पायेगा वहीं एक जून से अपात्रों के खिलाफ केस और रिकवरी की कार्रवाई भी शुरू की जाएगी।
खाद नागरिक आपूर्ती व उपभोगता मामले मंत्री रेखा आर्या ने आज बनबसा से वर्चुअल माध्यम से खाद्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। बैठक में रेखा आर्य ने अधिकारियों को पात्र को हां आपात्र को ना मुहिम के तहत अभी तक विभाग के द्वारा क्या कार्यवाही की इसकी विस्तृत रिपोर्ट ली।
योजना के अनुसार प्रदेश की हर राशन की दुकान के बाहर, उस दुकान से जुड़े अंत्योदय व राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन लेने वाले कार्ड धारकों के नाम की लिस्ट लगाई जाएगी। इस लिस्ट में व्यक्ति का नाम, पता व उसका मोबाइल नंबर दर्ज होगा।
पात्र और अपात्र के मानक सहित 1967 टोल फ्री नंबर की जानकारी भी देनी होगी। जिससे कि अपात्रों की सूचना हेल्पलाइन नंबर-1967 पर भी दी जा सकती है। वहीं सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय रखा जाएगा।
खाद्य मंत्री ने बताया कि राशन की दुकानों के बाहर नाम लिखे होने से राशन वितरण में पारदर्शिता आएगी। साथ ही स्थानीय लोग खुद भी जांच सकेंगे कि उनके बीच का कोई सक्षम व्यक्ति तो गरीबों के हक पर डाका नहीं डाल रहा है।
‘अपात्र को ना-पात्र का हां’ अभियान चलाने के पीछे सरकार का उद्देश्य वास्तविक गरीब को सरकारी योजनाओं का लाभ देना है। जितने अपात्र हटते जाएंगे, उनकी जगह वास्तविक पात्र लोगों को अंत्योदय और एनएफएसए योजना में शामिल होने का मौका मिलेगा। जिस भी ग्रामसभा से अपात्र का नाम कटेगा तो उसी ग्रामसभा से ही पात्र व्यक्ति का नाम राशन कार्ड में जोड़ा जाएगा।
बता दें कि उत्तराखंड में अंत्योदय राशन कार्ड पर हर महीने 35 किलो राशन रियायती मूल्य पर दिया जाता है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशन कार्ड पर प्रति यूनिट पांच किलो अनाज दिया जाता है। कोरोनाकाल से इन दोनों श्रेणी के 15 लाख से ज्यादा राशनकार्डों पर पांच-पांच किलो अनाज मुफ्त मिल रहा है।
सरकार को शिकायतें मिली हैं कि बड़ी संख्या में अपात्र दोनों योजनाओं का लाभ रहे हैं। जबकि मानक के अनुसार, 15 हजार रुपये से ज्यादा मासिक आय वाला व्यक्ति इन योजना का लाभ नहीं ले सकता है।
विभागीय सचिव सचिन कुर्वे ने सभी डीएम-डीएसओ को इसके लिए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने कहा, 15 हजार रुपये से अधिक मासिक आमदनी वाले लोगों को 31 मई तक स्वत: अपने अंत्योदय व एनएफएसए कार्ड सरेंडर करने का वक्त दिया गया है। इसके बाद एक जून से सघन अभियान चलाते हुए राशन कार्ड का सत्यापन किया जाएगा।
इस महत्वपूर्ण अभियान के लिए मंत्री महोदय ने कहा कि इस मुहिम के प्रचार प्रसार के लिए नगरपालिका की कूड़ा उठाने की गाड़ियों , गैस की गाड़ियों, पंचायत सेक्रेटरी के माध्यम से जनजागरण चलाया जाएगा। मालूम हो कि यूपी सरकार में भी खाद्य विभाग ने अपात्र राशन कार्ड धारकों के खिलाफ अभियान छेड़ा हुआ है।