पुलिस अभिरक्षा में हुए हमले के बाद कुख्यात विनय त्यागी की मौत, परिजनों ने साजिश और 750 करोड़ की काली कमाई का लगाया आरोप
हरिद्वार/देहरादून:
रुड़की के लक्सर क्षेत्र में पुलिस अभिरक्षा के दौरान हुए जानलेवा हमले में घायल कुख्यात अपराधी विनय त्यागी की मौत हो गई है। एम्स ऋषिकेश में उपचार के दौरान शनिवार सुबह करीब 7 बजे उसे मृत घोषित कर दिया गया। 24 दिसंबर की रात गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल होने के बाद विनय त्यागी को एम्स के ट्रॉमा आईसीयू में भर्ती कराया गया था, जहां वह लगातार वेंटिलेटर सपोर्ट पर था। चिकित्सकों के तमाम प्रयासों के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हो सका।
यह घटना 24 दिसंबर की है, जब पुलिस टीम विनय त्यागी को पेशी के लिए ले जा रही थी। लक्सर (रुड़की) के पास घात लगाए बैठे अज्ञात बदमाशों ने पुलिस वाहन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थीं। हमले में विनय त्यागी को कई गोलियां लगी थीं, जिसके बाद उसे गंभीर हालत में एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया।
विनय त्यागी की मौत की सूचना मिलते ही हरिद्वार पुलिस की टीम एम्स ऋषिकेश पहुंच गई। शव को कब्जे में लेकर पंचनामा की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। अस्पताल परिसर और आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। पुलिस अब हमले में शामिल आरोपियों की तलाश में जुटी हुई है।
इधर, विनय त्यागी की मौत के बाद मामला और अधिक गंभीर हो गया है। मृतक की बहन सीमा त्यागी और उसकी बेटी ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एम्स ऋषिकेश में मीडिया से बातचीत करते हुए सीमा त्यागी ने दावा किया कि विनय त्यागी एक ठेकेदार की करीब 750 करोड़ रुपये की काली कमाई का राज जानता था। यह रकम देहरादून के एक डॉक्टर के घर छिपाकर रखी गई थी और विनय इस पूरे मामले की जानकारी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को देना चाहता था।
सीमा त्यागी के अनुसार, जब इस बात की भनक ठेकेदार को लगी तो उसने साजिश के तहत डॉक्टर के माध्यम से विनय पर चोरी का मुकदमा दर्ज कराया। उनका आरोप है कि सच्चाई सामने न आए, इसलिए विनय त्यागी को रास्ते से हटाने की योजना बनाई गई। उन्होंने यह भी कहा कि विनय त्यागी की पत्नी द्वारा चुनाव लड़ने के दौरान भी ठेकेदार की ओर से उन्हें परेशान किया गया था, जिससे दोनों के बीच रंजिश बढ़ गई थी।
परिजनों का आरोप है कि सितंबर में विनय त्यागी को चोरी के झूठे आरोप में जेल भेजा गया। इसके बाद लक्सर और पुरकाजी में भी उसके खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए। इतना ही नहीं, देहरादून जेल से रुड़की जेल शिफ्ट करने के लिए कथित तौर पर फर्जी कागजात तैयार किए गए, जबकि परिजनों की ओर से ऐसा कोई आवेदन नहीं दिया गया था। परिजनों का दावा है कि पेशी के दौरान जानबूझकर सुरक्षा में लापरवाही बरती गई, ताकि हमलावर अपने मंसूबों को अंजाम दे सकें।
वहीं, एसपी सिटी प्रमोद कुमार के अनुसार, सितंबर 2025 में विनय त्यागी नेहरू कॉलोनी स्थित अपने डॉक्टर दोस्त के घर गया था। इसी दौरान 15 सितंबर को डॉक्टर ने विनय के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई कि उसने उसकी कार से कैश और ज्वेलरी से भरा बैग चोरी किया है। पुलिस ने तत्काल मुकदमा दर्ज करते हुए 29 सितंबर को विनय त्यागी को बैग के साथ गिरफ्तार कर लिया था।
फिलहाल, विनय त्यागी की मौत के बाद यह मामला हाई-प्रोफाइल बन गया है। एक ओर जहां पुलिस हमलावरों की तलाश में जुटी है, वहीं दूसरी ओर परिजनों के गंभीर आरोपों ने पूरे घटनाक्रम पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस प्रशासन का कहना है कि मामले की हर पहलू से जांच की जा रही है और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
