उत्तराखण्ड में कक्षा 6 से ऊपर की कक्षाओं के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खोल दिए गए हैं। अब अगर शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे निजी स्कूल संचालकों के विचारों से सहमत हो गए तो उत्तराखण्ड में पहली से पांचवी तक के स्कूल जल्द खुल सकते हैं। मंगलवार को इस पर निजी स्कूल संचालकों की शिक्षा मंत्री संग अहम बैठक होनी है।

इस बारे में प्रोग्रेसिव प्रिसिंपल स्कूल्स एशोसिएशन का कहना है कि यूपी में पांचवी तक के स्कूल खोल दिए गए हैं। ऑनलाइन पढ़ाई भी पूरी तरह से बंद की जा रही है, इसलिए अब उत्तराखण्ड में भी स्कूल खोलने का वक्त आ गया है। क्योंकि ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है। मां-बाप की मदद से वे पेपर करके अच्छे अंक तो ला रहे हैं, लेकिन ज्ञान नहीं ले पा रहे है। स्कूल बाकी जगहों से ज्यादा सुरक्षित हैं, मंगलवार को मंत्री से वार्ता में हम स्कूल खोलने की पैरवी करेंगे।

वहीं सरकार ने एक बार फिर मंगवलार से कोविड कर्फ्यू एक सप्ताह के लिए बढ़ा दिया है, अब प्रदेश में लागू कोविड कर्फ्यू 31 अगस्त 2021 तक लागू रहेगा। कोविड कर्फ्यू की गाइडलाइन में सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क पहनना जैसे नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अब सरकार यदि 5वीं तक के स्कूल खोलने की इजाजत देती है, तो क्या स्कूल प्रशासन छोटे बच्चों से इन नियमों का पालन करा पाएंगे।

वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन (एनआईडीएम) की ओर से गठित विशेषज्ञ समिति ने आशंका जताई है कि देश में सितंबर और अक्टूबर के बीच कभी भी कोविड-19 की तीसरी लहर आ सकती है। विशेषज्ञ समिति ने कहा है कि बच्चों को व्यस्कों के समान जोखिम होगा। क्योंकि बड़ी संख्या में बच्चों के संक्रमित होने की स्थिति में बाल चिकित्सा अस्पताल, डॉक्टर और उपकरण जैसे वेंटिलेटर, एंबुलेंस आदि की उपलब्धता मांग के अनुरूप नहीं हो सकती है। अब देखना होगा कि इन सब बातों को मद्देनजर रखते हुए शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ होने वाली बैठक में क्या फैसला लेते हैं।

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