उत्तराखंड स्थापना दिवस की रजत जयंती पर कांग्रेस ने रामपुर तिराहा शहीदों को दी श्रद्धांजलि, विकासशील राज्य के निर्माण का लिया संकल्प
देहरादून/मुजफ्फरनगर। उत्तराखंड राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर जहां सरकार विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी भी राज्य आंदोलन की यादों को ताजा करने और शहीदों को नमन करने में जुटी है। इसी क्रम में गुरुवार को कांग्रेस नेताओं और राज्य आंदोलनकारियों का दल मुजफ्फरनगर स्थित रामपुर तिराहा शहीद स्थल पहुंचा और राज्य आंदोलन के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा, विधायक ममता राकेश, विधायक वीरेंद्र जाटव, विधायक रवि बहादुर, विधायक अनुपमा रावत, प्रदेश महामंत्री एवं राज्य आंदोलनकारी वीरेंद्र पोखरियाल सहित कई नेता मौजूद रहे। सभी ने शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किए और शहीदों के सपनों के अनुरूप एक विकासशील और आत्मनिर्भर उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया।
राज्य आंदोलन के उद्देश्य अधूरे: ममता राकेश
विधायक ममता राकेश ने कहा कि “राज्य आंदोलन के दौरान हजारों लोगों ने संघर्ष किया और कई ने अपने प्राणों की आहुति दी। आज 25 वर्ष बाद भी पलायन, रोजगार, भू-कानून और बुनियादी विकास जैसे मुद्दे अधूरे हैं। जरूरत है कि हम उन शहीदों के सपनों के अनुरूप उत्तराखंड को आगे बढ़ाएं।”
राज्य आंदोलन की भावना को जीवित रखना जरूरी: वीरेंद्र पोखरियाल
प्रदेश महामंत्री वीरेंद्र पोखरियाल ने कहा कि “राज्य बनने के बाद भी उत्तराखंड विकास की उन ऊंचाइयों को नहीं छू पाया है, जिसका सपना शहीद आंदोलनकारियों ने देखा था। कांग्रेस पार्टी ने उन ग्रामीणों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने राज्य आंदोलन के समय रामपुर तिराहा में फंसे आंदोलनकारियों की सेवा की थी।”
करन माहरा ने किया पंडित महावीर की प्रतिमा पर माल्यार्पण
प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों की सहायता करने वाले पंडित महावीर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि “रामपुर तिराहा हमारे राज्य के संघर्ष और बलिदान का प्रतीक है। उत्तराखंड के वीर सपूतों की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
कार्यक्रम में मौजूद सभी नेताओं ने कहा कि कांग्रेस आने वाले समय में जनता के मुद्दों और राज्य के अधूरे वादों को लेकर संघर्ष जारी रखेगी, ताकि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड साकार हो सके।
