हिंसा मामले में एक और आरोपी को मिली नियमित जमानत, अब तक 78 को मिली राहत, जमीयत उलमा-ए-हिंद की कानूनी लड़ाई जारी

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हल्द्वानी, 29 अप्रैल/  हल्द्वानी में हुई हिंसा के मामले में नैनीताल हाई कोर्ट की डबल बेंच से एक और आरोपी को नियमित जमानत (रेगुलर बेल) मिल गई है। इससे पहले इस केस में कुल 77 आरोपियों को डिफॉल्ट बेल मिल चुकी थी। नए फैसले के साथ अब तक कुल 78 लोगों को अदालती राहत मिल चुकी है।

हाई कोर्ट से लगातार मिल रही राहत, जमीयत का कानूनी पैनल सक्रिय

जमीयत उलमा-ए-हिंद के नैनीताल जिला अध्यक्ष मौलाना मुकीम कासमी ने जानकारी दी कि “अल्लाह की रहमत और अवाम की दुआओं से हम बड़ी संख्या में बेगुनाहों को जमानत दिलवा चुके हैं। हम न्याय की दिशा में निरंतर काम कर रहे हैं।” उन्होंने आशा जताई कि जल्द ही बाकी आरोपियों को भी इंसाफ मिलेगा और वे जेल से रिहा होंगे।

मजबूत कानूनी टीम की अहम भूमिका

मौलाना कासमी ने जमीयत के लीगल पैनल का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि केस की पैरवी में देशभर के कई दिग्गज वकीलों ने अहम भूमिका निभाई है। इनमें शामिल हैं:

  • नित्या रामकृष्णन (सीनियर एडवोकेट, सुप्रीम कोर्ट)

  • एडवोकेट मुजाहिद अहमद (दिल्ली)

  • शाहिद नदीम अंसारी (मुंबई)

  • सी.के. शर्मा (नैनीताल हाई कोर्ट)

  • एडवोकेट नितिन तिवारी, मनीष कुमार पांडेय, दानिश हुसैन, मोहम्मद आसिफ कुरैशी और जमीरुद्दीन सैफी

जमीयत का कहना है कि यह कानूनी लड़ाई अंतिम आरोपी को न्याय मिलने तक पूरे संकल्प और ताकत से जारी रहेगी।

संवैधानिक मूल्यों की जीत

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, कोर्ट का यह फैसला “ड्यू प्रोसेस ऑफ लॉ”, “राइट टू बेल” और “फेयर ट्रायल” जैसे संवैधानिक सिद्धांतों को कायम रखता है। इस मामले में बड़े पैमाने पर हुई गिरफ्तारियों के बाद न्यायिक राहत को एक महत्वपूर्ण सामाजिक और कानूनी उपलब्धि माना जा रहा है।

अब भी बाकी है न्यायिक लड़ाई

हालांकि जमानत पाने वाले आरोपियों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन अंतिम फैसला न्यायिक प्रक्रिया पर निर्भर है। जमीयत उलमा-ए-हिंद का कहना है कि जब तक हर निर्दोष को इंसाफ नहीं मिल जाता, तब तक उनकी कानूनी लड़ाई बिना रुके जारी रहेगी।


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