श्रीनगर/पहलगाम, 28 अप्रैल 2025/ 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए बर्बर आतंकी हमले में 26 निर्दोष सैलानियों की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस जघन्य कृत्य के बाद अब सवाल सिर्फ पाकिस्तान की भूमिका का नहीं, बल्कि उन “आस्तीन के सांपों” का भी है जो भारत की जमीन पर रहकर दुश्मनों के इशारों पर काम कर रहे हैं।
इन गद्दारों को सुरक्षाबल Over Ground Workers (OGWs) कहते हैं। ये वही लोग हैं जो आतंकियों के आंख, कान और ऑक्सीजन बनते हैं — घुसपैठ कराते हैं, पनाह देते हैं, रसद और हथियार मुहैया कराते हैं, सुरक्षाबलों की गतिविधियों की जानकारी पहुंचाते हैं, और हमलों के बाद आतंकियों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचाते हैं।
अब भारतीय सेना ने इन OGWs के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
पहलगाम हमले के बाद शुरू हुए इस ऑपरेशन को अब तक का सबसे बड़ा अभियान माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार:
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कश्मीर के 10 जिलों में लगभग 3,500 OGWs सक्रिय हैं।
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अब तक 2,000 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।
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250 से ज्यादा संदिग्धों से पूछताछ जारी है और 7 OGWs की गिरफ्तारी हो चुकी है।
सेना ने साफ कर दिया है:
“अब आतंकियों को न दाना मिलेगा, न पानी, न पनाह।”
घाटी में अब आतंकियों के ठिकानों को नेस्तनाबूद किया जा रहा है ताकि भविष्य में कोई भी दुश्मन भारत की धरती पर हमला करने की हिम्मत न कर सके। सेना का मानना है कि जब तक OGWs का सफाया नहीं होगा, तब तक आतंक की जड़ें खत्म नहीं होंगी। इसलिए अब एक-एक गद्दार को चिन्हित कर, कानून के शिकंजे में कसने की कार्रवाई तेज़ कर दी गई है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सख्त संदेश दिया है:
“जो सामने हैं वो भी जाएंगे, और जो छुपे हुए हैं वो भी नहीं बचेंगे।”
पहलगाम हमले का बदला अब केवल कार्रवाई से नहीं, बल्कि दुश्मन के दिलों में स्थायी डर बनकर बैठने वाला है। भारत का संदेश साफ है — आतंकियों और उनके मददगारों के लिए अब इस पवित्र भूमि पर कोई जगह नहीं है।