देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने की मांग को लेकर चारधाम तीर्थपुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने आखिरकार सड़कों पर उतरने का मन बना लिया है और प्रदेश में सरकार के खिलाफ बिगुल बजाने का एलान किया है।
एक प्रेसवार्ता के दौरान समिति के अध्यक्ष श्रीकांत कोटियाल ने कहा कि प्रदेश सरकार देवस्थानम बोर्ड को निरस्त करने को लेकर गंभीर नहीं है। वह वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भी बोर्ड को निरस्त करने की मांग कर चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने हाई पावर कमेटी बनाकर इसके समाधान करने की बात कही है। जो पंडा पुरोहितों को मंजूर नहीं है।
इस बार पंडा पुरोहित समाज के लोग भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने का काम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों का अंडे और टमाटर से स्वागत किया जाएगा। उन्हें काले झंडे भी दिखाए जाएंगे। बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री, ऊखीमठ, रुद्रप्रयाग, देवप्रयाग, ऋषिकेश और देहरादून में भी आंदोलन शुरू किया जाएगा। जिसमें पंडा पुरोहित समाज के लोग पहले क्रमिक अनशन करेंगे, फिर आमरण अनशन करेंगे।उन्होंने बताया कि द्वारिका पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने भी देवस्थानम बोर्ड को हिंदू धर्म के खिलाफ बताया है।
बता दें कि रुद्रप्रयाग में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर भाजपा से जुड़े तीर्थपुरोहितों ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देना भी शुरू कर दिया है। साथ ही मांगपूर्ति न होने पर उग्र आंदोलन के साथ आमरण अनशन की चेतावनी भी दी है।
गौरतलब है कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर काफी समय से चारधाम तीर्थपुरोहित हक-हकूकधारी महापंचायत समिति ने आक्रमक रुख अपनाया हुआ है, पूर्व में केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला के नेतृत्व में तीर्थपुरोहितों ने केदारनाथ मंदिर परिसर में नारेबाजी कर धरना दिया था। अगर सरकार जल्द इस मामले को निपटाने में तेजी नही दिखाती तो उसे आने वाले विधानसभा चुनाव में इसका खामियाजा भी उठाना पड़ सकता है।
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