7 से 21 सितंबर तक पितृ पक्ष, जानें किन चीजों की खरीदारी से करें परहेज

आज से शुरू हो रहे हैं पितृपक्ष, जाने तिथि.. प्रथा और परंपराएँ, भूलकर न करें ये 5 गलतियां
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7 से 21 सितंबर तक पितृ पक्ष, जानें किन चीजों की खरीदारी से करें परहेज

देहरादून। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पितृ पक्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर 2025 तक रहेंगे। 15 दिनों तक चलने वाले इस विशेष कालखंड को पूर्वजों की स्मृति और आत्मा की शांति को समर्पित माना जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने पितरों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करते हैं। मान्यता है कि इस अवधि में किया गया पुण्य कार्य सीधे पितरों तक पहुंचता है और उनका आशीर्वाद परिवार पर बना रहता है।

किन चीजों की खरीदारी अशुभ मानी जाती है?

  • प्रॉपर्टी और वाहन: पंडितों का कहना है कि पितृ पक्ष में मकान, जमीन, दुकान या वाहन खरीदना वर्जित है। ऐसा करने से शुभ फल नहीं मिलता और परिवार में अनावश्यक विवाद की आशंका रहती है।

  • गहने और कपड़े: सोने-चांदी के आभूषण और नए वस्त्र लेना भी अशुभ माना जाता है। परंपरा है कि श्राद्ध कर्म साधारण या पुराने वस्त्रों में ही किए जाएं।

  • नए बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक सामान: घर के लिए बर्तन, फ्रिज, वॉशिंग मशीन या कंप्यूटर जैसे उपकरणों की खरीदारी से बचना चाहिए। श्राद्ध के लिए पुराने बर्तनों या पत्तलों का उपयोग शुभ माना गया है।

  • रसोई के सामान: सरसों का तेल, झाड़ू और नमक जैसी वस्तुएं भी इस अवधि में नहीं खरीदी जातीं। मान्यता है कि इससे त्रिदोष लगता है और घर में अशांति बढ़ सकती है।

ज्योतिषाचार्य की राय

ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद मिश्र के अनुसार,
“पितृ पक्ष के दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं। ऐसे में इन दिनों विलासिता से जुड़ी वस्तुएं खरीदना या नए काम शुरू करना पितरों को रास नहीं आता। इन 15 दिनों को पूरी श्रद्धा और संयम के साथ बिताना चाहिए। श्राद्ध, तर्पण और दान-पुण्य करने से पितरों की कृपा बनी रहती है और परिवार में सुख-शांति आती है।”

श्रद्धा और संयम का समय

पितृ पक्ष आत्माओं की शांति और पूर्वजों की स्मृति को समर्पित समय है। परंपराओं का पालन करते हुए यदि परिवार श्राद्ध कर्म और दान-पुण्य में भाग लेता है तो न केवल पितरों की तृप्ति होती है, बल्कि घर-परिवार में सकारात्मक ऊर्जा और आशीर्वाद भी प्राप्त होते हैं।


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