तीन मई से शुरू होने वाली चारधाम यात्रा को सुचारू और सफल बनाने के लिए सरकार ने अपनी तैयारियां युद्ध स्तर पर शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में उच्चाधिकारियों के साथ चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की जिसमें उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा सुरक्षित और सुविधाजनक होनी चाहिए।
विश्वभर में प्रसिद्ध उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के शुरू होने में अब एक माह का समय बाकी है। इसी क्रम में अब चारधाम यात्रा की तैयारियां भी जोरों पर हैं। इस बार यात्रा में अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद माना जा रहा है कि इस बार यात्रा में अधिक उत्साह देखने को मिल सकता है। जिसे देखते हुए सीएम ने प्रमुख सचिव लोक निर्माण विभाग को यात्रा मार्गों का स्थलीय निरीक्षण कर सभी आवश्यक सुधार कार्य यात्रा शुरू होने से पहले करने के निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारियों को भी यात्रा मार्गों पर कार्यों की प्रगति की लगातार निगरानी करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों पर जगह-जगह पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। डायवर्जन और वैकल्पिक मार्गों की व्यवस्था भी की जाए। यात्रा मार्गों पर जाने वाली बसों व टैक्सियों की फिटनेस की जांच सुनिश्चित हो। यात्रा मार्ग पर तैनात किए जाने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि नियमों का पालन कराने में यात्रियों व श्रद्धालुओं के साथ विनम्रता पूर्वक व्यवहार हो। एक बार एंट्री प्वाइंट पर वाहनों की चेकिंग होने के बाद बार-बार चेकिंग कर यात्रियों को परेशान न किया जाए।
गौरतलब है कि तीन मई को यमुनोत्री व गंगोत्री धाम के कपाट खोले जाएंगे तो वहीं केदारनाथ धाम के कपाट छह मई को वृश्चिक लग्न में सुबह 6.25 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जबकि बदरीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए आठ मई को खोले जाएंगे।