उत्तराखंड में बारिश से तबाही का आलम: अब तक 22 की मौत, 179 सड़कें बंद, सीएम ने लिया हालात का जायजा
देहरादून, 11 जुलाई — उत्तराखंड में लगातार हो रही भारी बारिश ने पूरे प्रदेश में आपदा जैसी स्थिति पैदा कर दी है। नदियों के उफान और लगातार हो रहे भूस्खलन के चलते राज्य के अधिकांश सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस आपदा के बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को देहरादून के रायपुर क्षेत्र की सपेरा बस्ती पहुंचकर हालात का जायजा लिया और राहत व बचाव कार्यों की समीक्षा की।
रायपुर के तपोवन में युवक की मौत, सीएम ने किया निरीक्षण
बीते मंगलवार रात देहरादून के तपोवन खाले में आए तेज बहाव की चपेट में आकर 42 वर्षीय अनिल, पुत्र चंद्र प्रकाश की मौत हो गई थी। वह पेशे से पेंटर थे और भारी बारिश के बीच रास्ता पार करते वक्त उनका पैर फिसल गया। रायपुर थाना पुलिस ने तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू किया और शांति विहार क्षेत्र में उनका शव बरामद किया गया।
इस दुखद घटना के एक दिन बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर पहुंचे और स्थानीय निवासियों से मुलाकात की। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जलभराव, गड्ढों, कमजोर पुस्तों, पुलों और सड़कों की मरम्मत तत्काल की जाए। साथ ही, जोखिम वाले क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने के निर्देश भी दिए गए।
179 सड़कें बंद, दो नेशनल हाईवे भी प्रभावित
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, भारी वर्षा और भूस्खलन के कारण 179 सड़कें अभी भी अवरुद्ध हैं, जिनमें 2 नेशनल हाईवे, 8 स्टेट हाईवे, 66 लोक निर्माण विभाग की सड़कें और 104 ग्रामीण मार्ग शामिल हैं। संबंधित विभाग युद्धस्तर पर मार्गों को खोलने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।
1 जून से 9 जुलाई तक 22 की मौत, कई लापता
राज्य में मॉनसून के प्रकोप से अब तक 22 लोगों की मौत, 11 घायल और 8 लोग लापता हैं। साथ ही, 2 मकान पूरी तरह ढह गए, 8 मकानों का आधा हिस्सा ध्वस्त हो गया और 134 मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। यह आपदा प्रदेश के अधिकांश जिलों में कहर बनकर टूटी है।
सरकार अलर्ट मोड में, राहत कार्य जारी
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सरकार का लक्ष्य है कि हर व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए और किसी भी प्रकार की जनहानि न हो। आपदा प्रबंधन विभाग, स्थानीय प्रशासन और राहत दल पूरी तत्परता से कार्य कर रहे हैं।”
राज्य सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से यात्रा न करें और नदियों-नालों से दूर रहें। विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से आग्रह किया गया है कि वे भूस्खलन संभावित स्थानों से दूरी बनाए रखें।