उत्तराखंड की फूलों की घाटी में इस साल पर्यटकों की रिकॉर्ड भीड़, 500 से अधिक प्रजातियों के फूलों ने किया स्वागत

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उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित फूलों की घाटी (Valley of Flowers) अपनी जैव विविधता, रंग-बिरंगे फूलों और हिमालय की खूबसूरत वादियों के लिए जानी जाती है। फूलों की घाटी (Valley of Flowers) एक विश्व धरोहर स्थल है और यह दुनिया की इकलौती जगह है, जहाँ 500 से अधिक प्रजाति के प्राकृतिक फूल खिलते हैं। यह स्थान अपनी जैव विविधता, रंग-बिरंगे फूलों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध है। इस वर्ष फूलों की घाटी में रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों ने दौरा किया है, जिससे इस स्थल की लोकप्रियता और भी बढ़ गई है।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

फूलों की घाटी मुख्य रूप से मानसून के मौसम में खिलती है, जब यहाँ के रंग-बिरंगे फूलों की अद्भुत छटा देखने लायक होती है। यहाँ आने वाले पर्यटकों को बछनाग, डेलफिनियम, मोरिना, इम्पेटिनस, और कई दुर्लभ फूलों की प्रजातियों का अद्भुत दृश्य देखने को मिलता है। इसके अलावा, यहाँ दुर्लभ हिमालयी वन्य जीव, जंतु और पक्षी भी पाए जाते हैं, जिससे इसकी जैव विविधता और समृद्ध हो जाती है। इस घाटी को 2002 में यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया था।

चित्र साभार – सोशल मीडिया

यहाँ तक पहुँचने के लिए कुछ विशेष मार्ग और साधन अपनाने पड़ते हैं। यहाँ आने के लिए आपको सड़क, ट्रेन, और हवाई मार्ग का संयोजन करना होगा, क्योंकि फूलों की घाटी का निकटतम शहर गोविंदघाट है, जहाँ तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है, और उसके बाद ट्रेकिंग करनी होती है। फूलों की घाटी में अगस्त तक करीब 17,277 देसी-विदेशी पर्यटक आए, जिससे यह साल रिकॉर्ड संख्या में पर्यटकों के लिए जाना गया।

फूलों की घाटी पहुँचने के लिए मार्ग—

      हवाई मार्ग से—

  • निकटतम हवाई अड्डा जॉली ग्रांट एयरपोर्ट, देहरादून है, जो फूलों की घाटी से लगभग 292 किमी दूर है।
  • जॉली ग्रांट एयरपोर्ट से आप गोविंदघाट तक पहुँचने के लिए टैक्सी या बस ले सकते हैं.

 

     रेल मार्ग से—

  • निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश या हरिद्वार है।
  • हरिद्वार से गोविंदघाट की दूरी लगभग 275 किमी है, जबकि ऋषिकेश से यह दूरी लगभग 250 किमी है।
  • हरिद्वार या ऋषिकेश से गोविंदघाट के लिए आपको बस या टैक्सी करनी होगी।

     सड़क मार्ग से—

  • दिल्ली से गोविंदघाट की दूरी लगभग 510 किमी है, और यह सड़क मार्ग द्वारा आसानी से पहुँचा जा सकता है। आप दिल्ली से ऋषिकेश या हरिद्वार तक बस या कार से जा सकते हैं और फिर गोविंदघाट तक पहुँच सकते हैं।
  • गोविंदघाट से फूलों की घाटी तक 16 किमी का ट्रेक करना पड़ता है। गोविंदघाट से आप 4 किमी दूरी पर घांघरिया तक घोड़े या पैदल जा सकते हैं, और वहाँ से फूलों की घाटी के लिए 10 किमी का ट्रेक होता है।

ट्रेकिंग—

  • गोविंदघाट से घांघरिया तक 4 किमी की चढ़ाई है, जिसे आप घोड़े, पालकी, या पैदल कर सकते हैं।
  • घांघरिया से फूलों की घाटी 10 किमी का ट्रेक है, जो अद्वितीय प्राकृतिक दृश्यों और पहाड़ी मार्गों से होकर गुजरता है।

यात्रा का सबसे अच्छा समय—

फूलों की घाटी जून से अक्टूबर तक खुली रहती है, और जुलाई से सितंबर के बीच यहाँ का सबसे अच्छा मौसम होता है, जब फूल पूर्ण रूप से खिले होते हैं।

ठहरने के विकल्प—

  • घांघरिया में कई होटल और गेस्ट हाउस हैं, जहाँ आप ट्रेक के दौरान ठहर सकते हैं। फूलों की घाटी में किसी भी तरह की रुकने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए आपको घांघरिया में रुकना होगा।

इस यात्रा के दौरान अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य और फूलों की अद्भुत प्रजातियों का अनुभव करना किसी स्वर्गीय अनुभव से कम नहीं है।


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