पिथौरागढ़ में आयोजित प्रादेशिक सेना भर्ती रैली युवाओं के जोश और प्रशासनिक कुशलता का अद्वितीय उदाहरण बनकर उभरी। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हजारों युवा इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए। बुधवार और गुरुवार को उत्तर प्रदेश के युवाओं की शारीरिक दक्षता परीक्षा संपन्न हुई, जबकि शुक्रवार और शनिवार को उत्तराखंड के युवाओं की बारी है।
पिथौरागढ़ में चल रही प्रादेशिक सेना भर्ती के दौरान निम्न स्थानों में पार्किंग प्रतिबंधित रहेगी:
1. एंचोली से टनकपुर तिराहा
2. जाखनी तिराहे से वड्डा तिराहा
3. माँ भगवती होटल से धोबी घाट तिराहा#UttarakhandPolice #pithoragarhpoliceuttarakhand #ukpolicenews pic.twitter.com/YMGgPct6Wb— Pithoragarh Police Uttarakhand (@PithoragarhPol) November 21, 2024
भारी भीड़ और भगदड़ की घटना—
चित्र साभार – डिजिटल मीडिया
भर्ती रैली के पहले दिन, बुधवार को लगभग 20,000 युवा पहुंचे। भीड़ की अचानक बाढ़ और प्रवेश की होड़ में भगदड़ मच गई, जिससे सेना का मुख्य प्रवेश द्वार टूट गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस और सेना को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा। इस अफरातफरी में दो युवा घायल हुए। प्रशासन की त्वरित कार्रवाई से स्थिति जल्द सामान्य हुई।
बेहतर प्रबंधन और सुधार—
बुधवार की घटना से सबक लेते हुए गुरुवार को प्रशासन ने व्यवस्था में सुधार किया। जगह-जगह बैरिकेडिंग कर युवाओं को टोलियों में भर्ती स्थल में प्रवेश दिया गया। इससे भीड़ पर नियंत्रण रखा गया और प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हुई। दो दिनों में लगभग 18,000 युवाओं ने भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली।
स्थानीय संगठनों की सराहनीय पहल—
भर्ती प्रक्रिया में स्थानीय संगठनों और समाजसेवकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। युवाओं के लिए 10 से अधिक स्थानों पर लंगर लगाए गए, जहां मुफ्त भोजन और पानी की व्यवस्था की गई।
- पूर्व सैनिक संगठन ने युवाओं के लिए ठहरने और खाने की व्यवस्था की।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने रात में विश्राम और सुबह नाश्ते की व्यवस्था की।
- स्थानीय नागरिकों ने भी अपने घरों में युवाओं को शरण दी।
इन प्रबंधों ने युवाओं के दिलों में पिथौरागढ़ की अतिथि सत्कार की छवि गहरी कर दी।
उत्तराखंड के युवाओं की भर्ती—
उत्तराखंड के विभिन्न जिलों, जैसे हल्द्वानी, अल्मोड़ा, बागेश्वर और चंपावत से युवा शुक्रवार और शनिवार को आयोजित रैली में भाग लेने के लिए पिथौरागढ़ पहुंचे। प्रशासन ने भर्ती स्थल तक पहुंचने के लिए 677 वाहनों का उपयोग किया, जिसमें 295 बसें और 322 टैक्सियां शामिल रहीं।
भगदड़ का कारण: जिलाधिकारी का बयान—
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि दानापुर (बिहार) की भर्ती निरस्त होने की सूचना समय पर न मिलने से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी पिथौरागढ़ पहुंच गए। अगर यह सूचना समय पर दी जाती, तो भीड़ इतनी नहीं बढ़ती। हालांकि, वर्तमान में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
भर्ती प्रक्रिया में सुधार और सफलता—
जिले में अब तक कुल 25,000 अभ्यर्थी पहुंचे, जिनमें से 18,000 ने भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है। पुलिस अधीक्षक रेखा यादव ने बताया कि भारी भीड़ को देखते हुए पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
युवाओं और संगठनों का आभार—
इस भर्ती रैली ने न केवल युवाओं को अवसर प्रदान किया, बल्कि पिथौरागढ़ की सामुदायिक भावना और संगठनों की सेवा भावना को भी उजागर किया। युवाओं ने पिथौरागढ़ के लोगों के योगदान और स्वागत के लिए दिल से आभार व्यक्त किया। पिथौरागढ़ की यह भर्ती रैली प्रशासनिक कुशलता, सामाजिक सहयोग, और युवाओं के उत्साह का एक अद्वितीय उदाहरण साबित हुई है।