देहरादून ब्यूरो | The Mountain Stories
उत्तराखंड समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी का दौर शुरू हो चुका है। 25 मई से 2 जून तक चलने वाले नौतपा के चलते अगले नौ दिनों तक तापमान अपने चरम पर रहेगा। मौसम विशेषज्ञों और ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस बार नौतपा का योग लगभग 80 साल बाद बना है, जो देश में अच्छे मानसून का संकेत भी दे रहा है।

क्या है नौतपा?
‘नौतपा’ का अर्थ है नौ दिनों की तपिश। यह वह समय होता है जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करता है और पृथ्वी के सबसे करीब होता है। इस दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं, जिससे तापमान में भारी बढ़ोतरी होती है।
इस वर्ष नौतपा की शुरुआत 25 मई 2025 को दोपहर 3:15 बजे से हुई है और यह 2 जून तक चलेगा। हालाँकि सूर्य 8 जून तक रोहिणी नक्षत्र में रहेंगे, लेकिन सबसे अधिक प्रभाव इन नौ दिनों में महसूस किया जाएगा।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से क्या कहते हैं भू-वैज्ञानिक?
भू-वैज्ञानिकों का मानना है कि नौतपा कोई संयोग मात्र नहीं, बल्कि एक भू-भौतिकीय घटना है। इस अवधि में धरती पर सूर्य की किरणें लगभग सीधी पड़ती हैं, जिससे स्थलीय तापमान में तीव्र वृद्धि होती है। यही वजह है कि इस दौरान समुद्री क्षेत्रों में भी उथल-पुथल देखी जाती है और मौसम तंत्र में बदलाव आने लगता है।
धार्मिक और ज्योतिषीय महत्व
हिंदू धर्म में नौतपा का विशेष धार्मिक महत्व है। मान्यता है कि इस समय भगवान सूर्य की उपासना करने से व्यक्ति को तेज, आरोग्य और सफलता की प्राप्ति होती है। इस अवधि को आत्मशुद्धि और संयम का समय भी माना जाता है।

सावधानी जरूरी: डॉक्टरों की सलाह
चिकित्सकों का कहना है कि नौतपा के दौरान शरीर में पानी की कमी होना आम है, जो कई समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
डॉक्टरों की सलाह:
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बाहर निकलने से बचें, खासकर दोपहर में।
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पानी, नींबू पानी, नारियल पानी, दही, छाछ, खीरा, तरबूज, खरबूजा का अधिक सेवन करें।
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बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
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गर्म, तैलीय और मांसाहारी भोजन से परहेज करें।
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(SOURCE COURTESY – DIGITAL MEDIA)
नौतपा में क्या करें, क्या न करें?
करें:
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भगवान सूर्य की आराधना, आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ
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जल का दान, बेल का शरबत, छाछ, दही जैसे ठंडी चीज़ों का वितरण
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संयम, ध्यान और आत्मशुद्धि के उपाय

न करें:
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मांसाहार, शराब और तीखी चीज़ों का सेवन
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दोपहर में बाहर निकलना
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मांगलिक कार्य जैसे विवाह आदि
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क्रोध, चिंता और नकारात्मक विचारों से बचाव

मानसून के लिए शुभ संकेत
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार नौतपा का विशेष संयोग बन रहा है। ऐसे योग करीब 80 वर्षों बाद आए हैं, जो संकेत देते हैं कि इस बार मानसून सामान्य से बेहतर रह सकता है। कृषि और जल संकट की दृष्टि से यह खबर राहत देने वाली है। नौतपा केवल एक मौसमीय चक्र नहीं, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और वैज्ञानिक परंपरा से जुड़ा विशेष अवसर भी है। इन नौ दिनों में यदि हम सावधानी और संयम के साथ जीवनशैली अपनाएं, तो न केवल भीषण गर्मी से बच सकते हैं, बल्कि आध्यात्मिक लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।