देशभर में अब सिंगल-यूज प्लास्टिक नहीं होगा इस्तेमाल, ये 19 चीजें अब नहीं मिलेंगी, जानें सब कुछ

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आज से देशभर में सिंगल यूज़ प्लास्टिक (Single Use Plastic) को बैन किया जा रहा है। जिसके बाद प्लास्टिक से बनी कई चीजें मिलनी जाएंगी, इसमें रोजमर्रा की जन्दगी में इस्तेमाल होने वाली कई चीजें शामिल हैं। मालूम हो की दुकानों,होटलों और कई अन्य जगह ऐसे आइटमों को यूज़ किया जा रहा है जो सिंगल यूज़ प्लास्टिक के बने होते हैं।1 जुलाई से ऐसे सभी आइटम के इस्तेमाल पर पूरी तरीके से प्रतिबंध रहेगा और अगर किसी को इनका इस्तेमाल करते हुए पाया जाता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई भी इकाई प्रतिबंधित वस्तु बेचते हुए पाई जाती है, तो उसका व्यापारिक लाइसेंस रद्द कर दिया जायेगा।
सिंगल यूज़ प्लास्टिक यानी प्लास्टिक से बनी ऐसी चीजें, जिसका इस्तमाल हम सिर्फ एक बार कर सकते हैं या फिर इस्तेमाल कर फेंक देते हैं। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि अगर इसका  पाया गया तो उसको दंड मिलेगा दंड में जेल और जुर्माना दोनों शामिल हैं। इसको लेकर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)ने अपनी राज्य की एजेंसियों को निर्देशित कर दिया है। इसके अलावा कस्टम विभाग को इन वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए कहा गया है।
CPCB ने 1 जुलाई से बैन होने जा रही सिंगल यूज प्लास्टिक आइट्मस की लिस्ट भी जारी की है।
इन चीजों पर होगा बैन—
1. प्लास्टिक कैरी बैग(75 माइक्रोन से कम मोटाई वाले )
2. प्लास्टिक स्टिक वाले ईयर बड्स (ear buds with plastic sticks,
3. गुब्बारों की प्लास्टिक स्टिक
4. प्लास्टिक के फ्लैग
5. कैंडी स्टिक
6. आइसक्रीम स्टिक
7. थर्माकॉल
8. प्लास्टिक प्लेट्स
9. प्लास्टिक कप
10. प्लास्टिक गिलास
11. कांटे 
12. चम्मच 
13. चाक़ू 
14. प्लास्टिक पैकिंग का सामान
15. प्लास्टिक से बने इनविटेशन कार्ड
16. सिगरेट पैकेट्स
17. प्लास्टिर और पीवीसी बैनर (100 माइक्रोन से कम)
18. इनविटेशन कार्ड्स
19. स्टिरर (पेय पदार्थ घोलने में काम आने वाली स्टिक)
वहीं पेट्रोकेमिकल उद्योगों को भी इन वस्तुओं के प्रोडक्शन में लगे उद्योगों को कच्चा माल मुहैया नहीं कराने के निर्देश दिए गए हैं। इस प्रतिबंध के लागू होते ही भारत भी उन 60 देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जो सिंगल यूग प्लास्टिक के कचरे को कम करने के लिए यह कदम उठा चुके हैं। लेकिन प्रतिबंध से ज्यादा अहम इसका पालन करना और करवाना होगा. जिसे हासिल करने के लिए सरकार को कड़ी निगरानी रखनी होगी।

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