उत्तरकाशी में मस्जिद विवाद पर बवाल के बाद स्थिति सामान्य, पुलिस ने 200 से अधिक लोगों पर किया मुकदमा दर्ज

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उत्तरकाशी/ उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मस्जिद विवाद के बाद उत्पन्न तनाव के चलते शहर में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन और पुलिस की कड़ी निगरानी जारी है। शनिवार को शहर में हालात सामान्य रहे और बाजार खुले, जिससे लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि, पुलिस ने काली कमली धर्मशाला में बैठक और प्रेस वार्ता करने वाले एक समुदाय के धार्मिक संगठन के तीन पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया। इन पर धारा 163 के उल्लंघन और अशांति फैलाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में जितेंद्र सिंह, सोनू नेगी और सूरज डबराल शामिल हैं। इन्हें उपजिलाधिकारी न्यायालय में पेश करने के बाद सात दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।

विवाद की पृष्ठभूमि और मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन—

उत्तरकाशी के बाड़ाहाट क्षेत्र में स्थित मस्जिद को लेकर विवाद दो महीने पहले शुरू हुआ था। एक धार्मिक संगठन ने इस मस्जिद को अवैध बताते हुए प्रशासन से जानकारी मांगी थी। 6 सितंबर को इस संगठन ने अवैध मीट की दुकानों के खिलाफ प्रदर्शन किया, लेकिन उसमें भी मस्जिद के खिलाफ नारेबाजी की गई। इसके बाद अक्टूबर में जनाक्रोश रैली का ऐलान किया गया, जिससे माहौल और गर्मा गया। 24 अक्टूबर को हिंदूवादी संगठनों ने मस्जिद को अवैध बताते हुए बड़ी संख्या में प्रदर्शन किया, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। इस झड़प में 27 लोग घायल हो गए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति पर काबू पाया।

पुलिस और प्रशासन का कड़ा रुख—

घटना के बाद उत्तरकाशी में धारा 163 लागू कर दी गई और पूरे जिले में सुरक्षा बढ़ा दी गई। पुलिस ने इस दौरान हुए पथराव और उपद्रव के मामले में 208 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, जिसमें 8 नामजद और 200 अज्ञात शामिल हैं। पुलिस वीडियो फुटेज की मदद से उपद्रवियों की पहचान कर रही है और उनसे नुकसान की भरपाई करने की योजना बना रही है। पुलिस प्रवक्ता नीलेश आनंद भरणे ने कहा कि इस मामले में दंगा कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

बाजारों में चहल-पहल, लेकिन सुरक्षा पर नजर—

शनिवार को जिले के बाजार सामान्य रूप से खुले और दुकानों में ग्राहकों की चहल-पहल देखी गई। व्यापार मंडल ने भी दिवाली के मद्देनजर साप्ताहिक बंदी खत्म करने और बाजार खुले रखने का निर्णय लिया है। हालांकि, संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस बल की तैनाती की गई है और दूसरे जिलों से अतिरिक्त पुलिस बल भी बुलाया गया है। प्रशासन ने त्योहारी सीजन में किसी भी अनहोनी से बचने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं।

विरोधियों का आरोप और पुलिस का जवाब—

गिरफ्तार किए गए पदाधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद एक समुदाय के धार्मिक संगठन के समर्थकों ने पुलिस पर जबरदस्ती का आरोप लगाया और कहा कि यह हिंदुओं की आवाज दबाने की कोशिश है। हालांकि, प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई शांति भंग की आशंका के चलते की गई है। दूसरी ओर, प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि मस्जिद सरकारी भूमि पर नहीं बल्कि निजी भूमि पर बनी है और यह उत्तरप्रदेश के मुस्लिम वक्फ बोर्ड में पंजीकृत है।

आगे की स्थिति पर नजर—

हालात सामान्य होते हुए भी विवाद की आंच अभी पूरी तरह शांत नहीं हुई है। एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने 4 नवंबर को महापंचायत बुलाई है, जिससे एक बार फिर तनाव बढ़ने की संभावना है। प्रशासन और पुलिस ने सभी आवश्यक कदम उठाने के संकेत दिए हैं ताकि शहर में शांति और व्यवस्था बनाए रखी जा सके।

 

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