अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को एक ट्वीट करके सनसनी फैला दी है। कंपनी ने नए खुलासे के संकेत दिए हैं जिसमे उसने शनिवार को एक संदेश पोस्ट किया। इस पोस्ट में कंपनी ने लिखा है कि ‘भारत में जल्द कुछ बड़ा खुलासा करेंगे’। जिसके बाद कयास लगाए जाने लगे हैं कि भारत में जल्द कुछ बड़ा होने वाला है। हालांकि, उसने किसी कंपनी का नाम नहीं लिया है।
Something big soon India
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) August 10, 2024
हिंडनबर्ग रिसर्च के एक्स सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट किया गया कि भारत के लिए जल्द ही कुछ बड़ा आने वाला है। अंग्रेजी में लिखे गए ट्वीट के शब्द थे- Something big soon India. बता दें कि जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए एक रिपोर्ट प्रकाशित की, जिससे कंपनी के शेयर की कीमत में भारी गिरावट आई थी। उस समय समूह ने इन आरोपों को खारिज कर दिया था।
गौर हो कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने बीते दिनों अदाणी समूह को लेकर जो खुलासे किए थे, उससे भारतीय बाजार में भारी उथल-पुथल देखने को मिली थी। बीते साल जनवरी में हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें अदाणी ग्रुप की वित्तीय स्थिति की जानकारी देते हुए समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए गए थे। जिसमें स्टॉक की कीमतों में हेरा-फेरी करने जैसे कई गंभीर आरोप शामिल थे। रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद अदाणी ग्रुप के के शेयरों में भारी गिरावट आई और अदाणी समूह के बाजार मूल्य में 86 अरब डॉलर की भारी-भरकम गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को खारिज कर दिया और समूह के प्रमुख गौतम अदाणी ने कहा था कि हिंडनबर्ग मामला अदाणी समूह को बदनाम करने की नीयत से रचा गया था।
जेठमलानी ने दावा किया कि किंगडन कैपिटल मैनेजमेंट एलएलसी के अमेरिकी व्यवसायी मार्क किंगडन ने अडानी समूह पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था। जेठमलानी ने इस साल जुलाई में एक्स (X) पर एक सोशल मीडिया पोस्ट में आरोप लगाया कि “जासूस” अनला चेंग और उनके पति मार्क किंगडन ने अडानी समूह की कंपनियों पर रिपोर्ट तैयार करने के लिए हिंडनबर्ग रिसर्च को काम पर रखा था। वरिष्ठ वकील ने आगे कहा कि उन्होंने भारतीय खुदरा निवेशकों की कीमत पर अडानी के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग और लाखों में मुनाफा कमाने के लिए कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड (केएमआईएल) का उपयोग करके एक ट्रेडिंग खाता स्थापित किया। बाद में महेश जेठमलानी ने सरकार से चीन के साथ उन राजनीतिक आवाजों के संबंधों की जांच करने का भी आह्वान किया, जिन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी समूह को निशाना बनाया था। उन्होंने अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग द्वारा भारतीय समूह को निशाना बनाने वाली रिपोर्ट के पीछे चीनी हाथ होने का संकेत दिया। कहा कि अडानी समूह पर यह हमला हाइफा पोर्ट जैसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में हार का चीनी बदला था। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सेबी की रिपोर्ट के बाद हिंडनबर्ग के आरोपों पर अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी थी। हाल ही में टॉप अदालत ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले की जांच के लिए एक कोर्ट-मॉनिटर्ड स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) गठित करने की समीक्षा याचिका खारिज कर दी है।
इस साल जून में अडानी एंटरप्राइजेज की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) को संबोधित करते हुए समूह के अध्यक्ष गौतम अडानी ने कहा कि उन्हें “एक विदेशी शॉर्ट सेलर द्वारा आधारहीन आरोपों का सामना करना पड़ा, जिसने हमारे दशकों की कड़ी मेहनत पर सवाल उठाया। ”उन्होंने कहा, “हमारी ईमानदारी और प्रतिष्ठा पर अभूतपूर्व हमले के सामने, हमने लड़ाई लड़ी और साबित कर दिया कि कोई भी चुनौती उन नींव को कमजोर नहीं कर सकती है जिन पर आपका समूह स्थापित किया गया है।”
महेश जेठमलानी ने भी सरकार से उन राजनीतिक आवाजों के चीन के साथ संबंधों की जांच करने का आह्वान किया, जिन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडाणी समूह को निशाना बनाने की कोशिश की थी। बाद में सेबी की जांच में पता चला कि हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह से संबंधित रिपोर्ट को सार्वजनिक करने से दो महीने पहले न्यूयॉर्क स्थित हेज फंड मैनेजर मार्क किंगडन के पास भेजा था। इस खुलासे के बाद माना जा रहा है कि हिंडनबर्ग ने रणनीति के तहत अदाणी समूह के शेयरों की कीमत गिराकर फायदा लेने की साजिश रची थी। किंगडन की कंपनी किंगडन कैपिटल के कोटक महिंद्रा इन्वेस्टमेंट लिमिटेड में भी अच्छी खासी मात्रा में शेयर हैं।