उत्तराखंड में सरकार ने राज्य योजना आयोग को समाप्त कर दिया है। उत्तराखंड के विकास की भूमिका में अब सेतु (SETU- State Institute for Empowering & Transforming Uttarakhand ) नैया पार लगाएगा। सेतु प्रदेश सरकार की नीति व नियोजन में थिंक टैंक की तरह काम करेगा। जहाँ इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे वहीं नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष और तीन सलाहकार भी नियुक्त किये जाएंगे। ज्ञात हो कि हाल ही में कैबिनेट ने इसके प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सशक्त उत्तराखंड @2025 के लक्ष्य को साधने के लिए प्रदेश में नीति आयोग की तर्ज पर स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एंपावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) के गठन को राज्यपाल ने भी मंजूरी दे दी है। आज मंगलवार को सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं।
राज्य सरकार ने स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एम्पावरिंग एंड ट्रांसफॉर्मिंग उत्तराखंड (SETU) स्थापित की दिशा में एक कदम और बड़ा लिया है। आज मंगलवार को सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। सेतु राज्य योजना आयोग का स्थान लेगा।सेतु प्रदेश सरकार की नीति व नियोजन में थिंक टैंक की तरह काम करेगा। इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री होंगे। साथ ही नियोजन मंत्री उपाध्यक्ष और तीन सलाहकार भी नियुक्त होंगे। संस्था के अंतर्गत तीन केंद्र बनेंगे। इनमें आर्थिक एवं सामाजिक विकास केंद्र, पब्लिक पालिसी एवं सुशासन केंद्र और साक्ष्य आधारित योजना केंद्र गठित किए जाएंगे। इन तीनों केंद्रों में दो-दो यानी कुल छह सलाहकारों की नियुक्ति की जाएगी।
अध्यक्ष- राज्य के विकास के लिए समग्र दृष्टि एवं मार्गदर्शन।
उपाध्यक्ष- मुख्य आर्थिक सलाहकार और मुख्य सचिव की सलाह पर टीम उत्तराखंड का मार्गदर्शन।
मुख्य सचिव- विभिन्न नीति व गवर्नेंस मामलों और राज्य के बजट को तैयार करने पर सेतु की सिफारिशों पर कार्यवाही करेंगे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी- उत्तराखंड के समावेशी आर्थिक, सामाजिक व स्थायी विकास के लिए सेतु को कार्यनीतिक और बौद्धिक दिशा प्रदान करेंगे व सेतु के दैनिक कार्यों का नेतृत्व करेंगे।
गौरतलब है कि केंद्र में वर्ष 2014 में नीति आयोग के गठन के बाद से ही राज्य को भी इसी भांति आयोग के गठन के निर्देश दिए गए थे। पूर्व में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली के संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी जहाँ मुख्यमंत्री ने सशक्त उत्तराखण्ड@25 के क्रम में राज्य सरकार के रोडमैप को साझा करते हुए प्रधानमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त किया था। केंद्र सरकार ने राज्यों को SETU स्थापित करने का निर्देश दिया थे, जिसके बाद अनावश्यक हो चुके योजना आयोगों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया जायेगा।