त्योहारी सीजन में खाद्य सुरक्षा पर सख्ती, उत्तराखण्ड में राज्यव्यापी विशेष प्रवर्तन अभियान शुरू

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त्योहारी सीजन में खाद्य सुरक्षा पर सख्ती, उत्तराखण्ड में राज्यव्यापी विशेष प्रवर्तन अभियान शुरू

देहरादून। आगामी क्रिसमस और नववर्ष के दौरान आमजन को सुरक्षित, शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उत्तराखण्ड में खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग द्वारा राज्यव्यापी विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य एवं खाद्य संरक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के स्पष्ट निर्देशों के क्रम में शुरू किया गया है।

त्योहारी मौसम में खाद्य पदार्थों की खपत में बढ़ोतरी को देखते हुए विभाग ने मिलावटखोरी, घटिया गुणवत्ता और अस्वच्छ परिस्थितियों में खाद्य निर्माण एवं विक्रय पर कड़ी निगरानी रखने का निर्णय लिया है। इस विशेष अभियान के अंतर्गत खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम-2006 का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा। होटल, रेस्टोरेंट, क्लब, कैफे, बेकरी, डेयरी, मिष्ठान भंडार, फूड कोर्ट, स्ट्रीट फूड जोन और तैयार खाद्य पदार्थों की निर्माण इकाइयों में नियमित और औचक निरीक्षण किए जाएंगे।

अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि त्योहारी सीजन को ध्यान में रखते हुए विभाग द्वारा प्राथमिकता के आधार पर खाद्य पदार्थों को चिन्हित किया गया है। इनमें मिठाइयाँ, नमकीन, बेकरी उत्पाद, कन्फेक्शनरी, डेयरी उत्पाद, साइड डिशेज, डेजर्ट्स और तैयार भोजन शामिल हैं। विशेष रूप से गुलाब जामुन, जलेबी, खीर, समोसा, बिरयानी, रोस्ट चिकन, पिज्जा, केक, पेस्ट्री, प्लम केक, कुकीज, चॉकलेट और क्रिसमस पुडिंग जैसे लोकप्रिय खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर गुणवत्ता की जांच की जाएगी।

उन्होंने कहा कि यह विशेष अभियान कनिष्ठ से लेकर वरिष्ठ स्तर तक सभी अधिकारियों की सक्रिय सहभागिता से संचालित किया जा रहा है। अन्य राज्यों की सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को ध्यान में रखते हुए उत्तराखण्ड की भौगोलिक और सामाजिक परिस्थितियों के अनुरूप निगरानी व्यवस्था विकसित की गई है। जनपद स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के नेतृत्व में विशेष टीमें गठित की गई हैं, जो निर्माण इकाइयों से लेकर थोक और खुदरा विक्रेताओं तक पूरी श्रृंखला की जांच करेंगी।

खाद्य सुरक्षा एवं मानक नियम-2011 और संबंधित विनियमों का उल्लंघन पाए जाने पर नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस विभाग का सहयोग भी लिया जाएगा। साथ ही, आम नागरिकों की भागीदारी को भी इस अभियान का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाया गया है। विभागीय पोर्टल और टोल-फ्री नंबर पर प्राप्त शिकायतों पर त्वरित संज्ञान लेते हुए जांच और कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अभियान के दौरान लिए गए खाद्य नमूनों को एफएसएसएआई तथा राज्य स्तर पर निर्धारित विधिक और सर्विलांस लक्ष्यों के अंतर्गत परीक्षण के लिए भेजा जाएगा।

शुद्ध भोजन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता : आयुक्त

आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि त्योहारी मौसम में खाद्य सुरक्षा को लेकर विभाग पूरी तरह सतर्क है। मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के निर्देशों के अनुरूप यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि आमजन को केवल शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री ही उपलब्ध हो। उन्होंने बताया कि अपमिश्रण और घटिया खाद्य पदार्थों की रोकथाम के लिए केवल बिक्री स्थलों ही नहीं, बल्कि निर्माण इकाइयों पर भी स्रोत स्तर से कार्रवाई की जा रही है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी जनपदों को प्राथमिकता वाले खाद्य पदार्थों की नियमित जांच के निर्देश दिए गए हैं और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अभियान के दौरान की गई प्रत्येक कार्रवाई की दैनिक रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है, ताकि पारदर्शिता और प्रभावशीलता बनी रहे। विभाग का प्रयास है कि त्योहारी उल्लास के साथ-साथ नागरिकों को खाद्य सुरक्षा का भरोसा भी मिले।


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