मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का 19 जुलाई 2021 को रूद्रप्रयाग जनपद का दौरा प्रस्तावित है। 20 जुलाई को सीएम केदारनाथ धाम भी जा सकते हैं, जहां वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत चल रहे निर्माण कार्यों का जायजा भी लेंगे। मुख्यमंत्री के इस प्रस्तावित दौरे का तीर्थपुरोहितों ने विरोध किया है। केदारनाथ में देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थपुरोहितों का धरना जारी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के केदारनाथ आने पर विरोध किया जाएगा। रविवार को भी तीर्थपुरोहितों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और धरना दिया।
केदारनाथ में धरना देते हुए आचार्य संजय तिवारी ने कहा कि उत्तराखण्ड में भाजपा की सरकार अब तक 3 मुख्यमंत्री बदले जा चुके हैं, लेकिन जो भी मुख्यमंत्री केदारनाथ आता है वह महज प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट को देखने यहां आता है। पुष्कर सिंह धामी भी यहां यही देखने आ रहे हैं। उनका यहां की समस्याओं और तीर्थपुरोहितों से कोई लेना देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि चारधाम देवस्थानम प्रबन्धन अधिनियम का एकमात्र उद्देश्य सदियों से पीढ़ी दर पीढ़ी इन धामों की सेवा में लगे पंडा पुरोहितों के परम्परागत अधिकारों एवं हकों को छीनकर हमारे पुश्तैनी भूमि भवनों से हमारा मालिकाना हक छीनकर सनातन आस्था के मठ मंदिरों को अपनी सरकार के मुखिया के हवाले करके इन धामों से जुड़े लोगों को वहां से दरकिनार करना है। कहा कि केदारनाथ में वह सीएम का विरोध करेंगे। वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के ऊखीमठ आने पर भी तीर्थपुरोहितों ने उनका विरोध करने का आह्वान किया है।