गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, 23 को बंद होंगे केदारनाथ व यमुनोत्री धाम — बदरीनाथ धाम 25 नवंबर को होगा बंद

Our News, Your Views

गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद, 23 को बंद होंगे केदारनाथ व यमुनोत्री धाम — बदरीनाथ धाम 25 नवंबर को होगा बंद

देहरादून। उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा अब समापन की ओर बढ़ रही है। आज मंगलवार लगभग 11:30 बजे गंगोत्री धाम के कपाट विधि-विधान और वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने के साथ ही धाम ‘बोलो गंगा मैया की जय’ के जयकारों से गूंज उठा। मां गंगा की उत्सव डोली अब परंपरा के अनुसार अपने शीतकालीन गढ़ मुखबा गांव के लिए रवाना होगी, जहां सर्दियों में मां गंगा की पूजा-अर्चना की जाएगी।

23 अक्टूबर को बंद होंगे यमुनोत्री और केदारनाथ धाम

चारधाम यात्रा के अन्य धामों के कपाट भी अगले दो दिनों में बंद होंगे:

  • यमुनोत्री धाम – 23 अक्टूबर, दोपहर 12:30 बजे भैया दूज के पर्व पर कपाट बंद होंगे। इसके बाद मां यमुना की उत्सव मूर्ति खरसाली गांव में विराजमान होगी।

  • केदारनाथ धाम – 23 अक्टूबर, सुबह 8:30 बजे शीतकाल के लिए कपाट बंद किए जाएंगे।

  • बदरीनाथ धाम25 नवंबर दोपहर 2:56 बजे कपाट बंद होंगे।

यात्रा के दौरान भारी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

इस वर्ष चारधाम यात्रा ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या इस प्रकार रही:

  • गंगोत्री धाम – 7,57,762 यात्री

  • यमुनोत्री धाम – 6,44,366 यात्री
    ➡️ कुल यात्रा आगमन14,02,128 श्रद्धालु

चारधाम यात्रा के शुरू होने के बाद से अब तक 21 अप्रैल तक कुल 49.30 लाख से अधिक तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। उम्मीद है कि धामों के पूर्ण रूप से बंद होने तक यह आंकड़ा 50 लाख को पार कर जाएगा

सर्दियों में भी जारी रह सकती है यात्रा परंपरा

यात्रा से जुड़े स्थानीय कारोबारी आशीष सेमवाल और विनय उनियाल ने कहा कि शीतकाल के दौरान भी खरसाली (यमुनोत्री) और मुखबा (गंगोत्री) में यात्रा परंपरा को जारी रखते हुए तीर्थाटन को बढ़ावा दिया जा सकता है। इससे श्रद्धालु न केवल देवी-देवताओं के शीतकालीन प्रवास स्थलों में पूजा-अर्चना कर सकेंगे, बल्कि हिमालयी बर्फबारी का दिव्य नजारा भी देख पाएंगे।


Our News, Your Views