पाखरो रेंज घोटाला का जिन्न एक बार फिर हरक सिंह रावत को परेशान करने लगा है, सीबीआई ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से घोटाले के संबंध में करीब दो घंटे तक पूछताछ की है। सीबीआई लंबे समय से इस मामले की जांच में जुटी हुई है। अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्माण क्षेत्र तक जांच करने वाली CBI अब सचिवालय और तत्कालीन राजनेताओं तक भी दस्तक देने लगी है।
उत्तराखंड के वन महकमे में एक बार फिर हलचल है, पाखरो रेंज घोटाले के संबंध में सीबीआई ने पूर्व वन मंत्री हरक सिंह रावत से करीब दो घंटे तक पूछताछ की। गौर हो कि सीबीआई लंबे समय से इस मामले की जांच में जुटी हुई है। अब तक कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निर्माण क्षेत्र तक जांच करने वाली CBI अब सचिवालय और तत्कालीन राजनेताओं तक भी दस्तक देने लगी है। हरक सिंह रावत ने कई महत्वपूर्ण दस्तावेज CBI के अफसरों को सौंपे हैं। ख़बरें हैं कि रावत ने इस मामले में कुछ और नेताओं का नाम भी लिया है। हालांकि, अभी सीबीआई इस मामले में जांच कर रही है।
बता दें कि पाखरो रेंज में टाइगर सफारी बनाने में तमाम अनियमितताएं सामने आई थीं। इसे लेकर विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी। इसी क्रम में विजिलेंस ने हरक सिंह रावत और उनके परिवार से जुड़े कुछ व्यापारिक प्रतिष्ठानों और एक शिक्षण संस्थान में छापेमारी की थी। जिसके बाद सीबीआई ने अपना दायरा बढ़ाते हुए देहरादून से लेकर कोटद्वार तक कई संस्थानों और कार्यालयों में छापेमारी की थी। हालांकि हराक सिंह रावत का कहना है कि उनका इस मामले में कोई लेना-देना नहीं है।