पिता-पुत्र संबंधों में गिरावट का दर्दनाक चेहरा: जानिये केदारघाटी और बागेश्वर की इन दो घटनाओं से

Our News, Your Views

उत्तराखंड के केदारघाटी और बागेश्वर जिलों में हुई दिल दहला देने वाली घटनाओं ने समाज को हिला कर रख दिया है। ये घटनाएं पारिवारिक संबंधों में बढ़ती कड़वाहट और नैतिक मूल्यों के पतन का स्पष्ट उदाहरण हैं।

केदारघाटी: पिता की हत्या और शव को जलाने का प्रयास—

केदारघाटी के बेडूला गांव में बलबीर सिंह (52) नामक व्यक्ति की उनके ही दो बेटों ने बेरहमी से हत्या कर दी।

  • घटना का विवरण:
    बुधवार की रात, दोनों बेटों ने अपने पिता से किसी बात पर हुए विवाद के बाद उनकी गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद शव को छिपाने के लिए वे गुरुवार सुबह नदी किनारे ले गए और उसे जलाने का प्रयास किया।
  • ग्रामीणों का हस्तक्षेप:
    जलती हुई चिता से उठता धुआं देखकर ग्रामीण मौके पर पहुंचे। जब उन्होंने बेटों से पूछा तो दोनों ने गाली-गलौज शुरू कर दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और अधजले शव को बरामद कर लिया।
  • पुलिस कार्रवाई:
    ग्राम प्रहरी की सूचना पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल धारदार हथियार भी बरामद किया। दोनों बेटों को हिरासत में लेकर पूछताछ जारी है। बेटों ने दावा किया कि उनके पिता बचपन में उन्हें बहुत पीटते थे, जिसकी वजह से वे उनसे नफरत करते थे।

बागेश्वर: पिता पर बेटे की क्रूरता का वीडियो वायरल—

एक और हृदयविदारक घटना में बागेश्वर जिले में एक बेटे का अपने बुजुर्ग पिता पर अत्याचार का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।

  • घटना का विवरण:
    वायरल वीडियो में बेटा आनंद बल्लभ पांडेय (46) अपने पिता नंदाबल्लभ पांडेय को बुरी तरह पीटता नजर आ रहा है। बुजुर्ग पिता बेटे से गिड़गिड़ाते हुए रहम की भीख मांगते रहे, लेकिन निर्दयी बेटा रुका नहीं।
  • पुलिस की कार्रवाई:
    कांडा पुलिस ने वायरल वीडियो का संज्ञान लेकर आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया। पूर्व सैनिक संगठन ने भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए ज्ञापन दिया।

उत्तराखंड के केदारघाटी और बागेश्वर जिलों में हाल ही में सामने आई घटनाओं ने पारिवारिक रिश्तों की गिरती नैतिकता और बढ़ती कड़वाहट को उजागर कर दिया है। पिता-पुत्र के बीच विश्वास और सम्मान का जो रिश्ता माना जाता है, वह इन घटनाओं में पूरी तरह टूटता नजर आया। यह घटनाएं एक कड़वे सच को उजागर करती हैं कि पारिवारिक रिश्तों में संवाद और सहिष्णुता की कमी ने परिवारों को बिखरने की कगार पर ला खड़ा किया है। समाज और सरकार दोनों को इन समस्याओं का समाधान ढूंढने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।


Our News, Your Views