अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज आएगा फैसला, कोटद्वार एडीजे कोर्ट के बाहर कड़ी सुरक्षा, प्रदेशभर की निगाहें फैसले पर टिकीं

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कोटद्वार / 30 मई 2025
उत्तराखंड को झकझोर देने वाले बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आज कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (एडीजे कोर्ट) अपना फैसला सुनाएगा। करीब दो साल आठ महीने तक चली सुनवाई के बाद आज न्याय की घड़ी आ पहुंची है। फैसले को लेकर उत्तराखंड ही नहीं, पूरे देश की निगाहें कोटद्वार कोर्ट पर टिकी हैं।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, कोटद्वार बना छावनी

संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस और प्रशासन ने कोटद्वार को छावनी में तब्दील कर दिया है। गढ़वाल मंडल के पौड़ी, देहरादून, हरिद्वार, टिहरी और उत्तरकाशी से बड़ी संख्या में पुलिस बल और अधिकारी तैनात किए गए हैं। डेढ़ कंपनी पीएसी की तैनाती के साथ ही अदालत परिसर के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू कर दी गई है।

एसडीएम कोटद्वार सोहन सिंह सैनी ने बताया कि निषेधाज्ञा के तहत इस दायरे में नारेबाजी, धरना-प्रदर्शन और समूह में प्रवेश पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी खुद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पौड़ी लोकेश्वर सिंह और अन्य अधिकारी कर रहे हैं। अदालत परिसर में केवल अधिवक्ता, कर्मचारी और केस से जुड़े लोगों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है।

दो साल आठ महीने की लंबी सुनवाई

अंकिता भंडारी हत्याकांड की पहली सुनवाई 30 जनवरी 2023 को कोटद्वार एडीजे कोर्ट में शुरू हुई थी। एसआईटी जांच के बाद अभियोजन पक्ष ने अदालत में 500 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था। अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 47 गवाह पेश किए गए, जबकि एसआईटी ने 97 गवाह बनाए थे।

हत्याकांड में वनंत्रा रिजॉर्ट के मालिक पुलकित आर्य, उसके कर्मचारी सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता को मुख्य आरोपी बनाया गया। तीनों पर आरोप तय होने के बाद 28 मार्च 2023 से गवाही का दौर शुरू हुआ। अंतिम बहस 19 मई 2025 को पूरी हुई थी, जिसके बाद अदालत ने 30 मई को फैसले की तारीख तय की थी।

पूरे प्रदेश में फैला आक्रोश, पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद

18 सितंबर 2022 को अंकिता भंडारी की हत्या कर उसका शव चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया था। एक सप्ताह बाद उसका शव बरामद हुआ था। इस जघन्य हत्याकांड के बाद प्रदेशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई थी। कोटद्वार, ऋषिकेश, देहरादून और पौड़ी समेत कई स्थानों पर लंबे समय तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे।

आज जब फैसले की घड़ी आई है, तो अंकिता भंडारी के माता-पिता बेहद भावुक हैं। उनकी मां सोनी देवी ने कहा, “अपराधियों को फांसी की सजा मिले। मैं उत्तराखंड की जनता से अपील करती हूं कि वे हमारा समर्थन करते रहें और कोर्ट में पहुंचकर हमारा हौसला बढ़ाएं।”

वहीं अंकिता के पिता ने कहा कि वे अपने जीते जी आरोपियों को फांसी पर लटकते देखना चाहते हैं।

क्या मिलेगा न्याय?

इस सवाल का जवाब आज कोटद्वार एडीजे कोर्ट में मिलने वाला है। राज्यभर की जनता, अंकिता के परिजन और समाज के तमाम वर्ग इस फैसले को ऐतिहासिक मान रहे हैं। यह सिर्फ एक केस का फैसला नहीं, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था की साख से जुड़ा हुआ मामला है।


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