पुलिस कर्मियों के 4600 ग्रेड पे का मामला एक बार फिर तूल पकड़ने लगा है। अपनी मांग को लेकर उन्होंने सरकार और पुलिस विभाग को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। उनका कहना की यदि सरकार शासनादेश जारी नहीं करती है तो ऐसे में उन्हें एक हफ्ते बाद उग्र आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। वहीँ उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जरूरत पड़ी तो वो हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे।
पत्रकारों से वार्ता करते हुए पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि राज्य सरकार पुलिसकर्मियों के प्रति संवेदनहीन हो गई है और सरकार अपनी घोषणाओं को पूरा करने से पीछे हट रही है। पुलिसकर्मियों ने परिजनों ने कहा कि सरकार ने उनके साथ विश्वासघात किया है। मुख्यमंत्री ने पिछले साल पुलिस स्मृति दिवस के कार्यक्रम में 2001 बैच के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी, लेकिन इसके बाद सरकार ने दो लाख रुपये देने का शासनादेश जारी कर दिया।
गौरतलब है कि पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे को लेकर आंदोलन की शुरुआत पिछले साल फरवरी में हुई थी। पुलिस कर्मियों की मांग है कि 20 साल की सर्विस पूरी करने वाले 2001 व 2002 बैच के पुलिसकर्मियों को 4600 ग्रेड पे दिया जाना चाहिए। जिसे लेकर पूर्व में भी पुलिसकर्मियों के स्वजनों ने आंदोलन किया था, वहीं ग्रेड पे की मांग जब पूरी नहीं हुई तो पुलिस के सिपाहियों के इस्तीफे भी वायरल हुए थे। हालांकि, इन्हें स्वीकार नहीं किया गया था।
पिछले साल रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 2001 बैच के सिपाहियों को 4600 ग्रेड पे देने की घोषणा की थी, लेकिन अब तक इस कोई निर्णय नहीं लिया गया। पुलिसकर्मियों के परिजनों का कहना है कि यदि शनिवार तक सरकार ने इस तरफ कोई निर्णय नही लिया तो पुलिस कर्मियों के परिजन रविवार सात अगस्त से सड़कों पर उतरेंगे।
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