इन दिनों उत्तराखंड के पौड़ी जिले मे बाघ का आतंक है। पौड़ी गढ़वाल जिला प्रशासन ने जिले में बाघ के हमलों की घटनाओं को देखते हुए पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धुमाकोट विकासखंड के 24 गांवों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। जिलाधिकारी की ओर से जारी आदेश में ग्रामीणों को शाम 700 बजे से सुबह 600 बजे तक घर से बाहर न निकलने के आदेश दिए गए हैं। इसके अलावा 17 और 18 अप्रैल को इन दोनों तहसीलों के स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रहेंगे। डीएम पौड़ी आशीष चौहान ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। वन विभाग ने हमलावर गुलदार को पकड़ने के लिए गांव में पिंजरा लगा दिया है। रविवार को आसपास के क्षेत्र में ड्रोन उड़ाया गया, जिसमें पडियारपाणी गांव में भी एक बाघ की मूवमेंट कैमरे में कैद हुई है।
आपको बता दें कि क्षेत्र में पिछले चार दिनों में बाघ ने दो बुजुर्ग व्यक्तियों को निवाला बना दिया है। नैनीडांडा प्रखंड में धुमाकोट, कसाना, खुटिंडा, रिंगल्टी, बडोलगांव में लगातार ग्रामीणों को गुलदार नजर आ रहे हैं। गुलदार ग्रामीणों के कुत्ते व अन्य मवेशियों को निवाला बना रहे हैं। गुलदार के घर से ग्रामीणों का रात्रि में घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। बाघ के हमलों की घटनाओं को देखते हुए पौड़ी जिले के रिखणीखाल और धुमाकोट विकासखंड के 24 गांवों में रात्रिकालीन कर्फ्यू लगा दिया गया है। वहीं स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों को भी दो दिन 17 और 18 अप्रैल के लिए बंद रखा गया है। रविवार देर रात इस संबंध में जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने आदेश जारी किए हैं।
ज्ञात हो कि बाघ की औसत आयु 10 से 12 वर्ष की होती है। नौ वर्ष की आयु के बाद बाघ के नाखून और दांत घिसने के साथ ही वह शारीरिक रूप से कमजोर हो जाता है। जंगल में शिकार नहीं कर पाने के कारण वह आसान शिकार की तलाश में मनुष्यों पर हमलावर हो जाता है।